हल्द्वानी में हुई हिंसा के बाद अब उत्तराखंड शासन कोई भी चूक दोहराना नहीं चाहता। वनभूलपुरा में हालात सामान्य हो सकें और दोबारा कोई हिंसक घटना ना हो इसके लिए पूरे शहर को सात जोन में बांट दिया गया है। प्रत्येक जोन में फोर्स के साथ-साथ माॅनेटरिंग के लिए अलग-अलग मजिस्ट्रेट और अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।
हल्द्वानी को सात हिस्सों में विभाजित करने के बाद यहां 24 घंटे का अलर्ट जार किया गया है। यानी हर जोन में अफसर और टीमें 24 घंटे अलर्ट रहेंगी। हर समय गश्त होगी और तलाशी अभियान के साथ-साथ संदिग्धों पर नजर रखी जाएगी। इसके लिए अलग से एक माॅनेटरिंग सैल बनाई गई है। इस सेल की टीमें सर्विलांस सिस्टम के जरिए भी नजर बनाए हुए हैं। इतना ही नहीं हल्द्वानी हिंसा के बाद पूरे उत्तराखंड को अलर्ट मोड पर रखा गया है। प्रदेश की राजधानी देहरादून और देव नगरी हरिद्वार से लेकर रामनगर, उधम सिंह नगर सभी जगहों पर पुलिस को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश हैं।
हल्द्वानी में हालात काबू हो जाने के बाद अब गिरफ्तारी अभियान चल गया है। हिंसा में शामिल चेहरों को पहचानकर उनकी गिरफ्तारी की जा रही हैं। इसके लिए अलग से थानास्तर पर भी टीमों का गठन किया गया था। अभी तक पुलिस चार से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। हिंसा में शामिल लोग छिप रहे हैं लेकिन स्थानीय लोगों और सर्विलांस के जरिए पुलिस इनकी गिरफ्तारी कर रही है।
हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस ने उपद्रव के साथ-साथ आगजनी करने, तोड़फोड़ करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सरकारी कार्य में व्यवधान डालने जैसे गंभीर आरोपों की धाराओं में FIR दर्ज कराई हैं। अभी तक तीन अलग-अलग मामले दर्ज कराए गए हैं। इन FIR में 15 से अधिक लोगों की सक्रिय भूमिका उजागर है जबकि अन्य अज्ञात हैं। ये वो लोग हैं जिन पर भीड़ को भड़काने के आरोप हैं।