भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश इकाई ने रविवार को अपने एक राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि अगर वह सत्ता में आ जाते तो निश्चित रूप से ‘हिंदू’ शब्द बोलने पर प्रतिबंध लगा देते। उसने कहा कि राहुल अपने बयान पर संपूर्ण हिंदू समाज से माफी मांगें। भाजपा ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष में होने पर पिछड़ों, दलितों, वंचितों के हितैषी होने का ढोंग रचने वाले सपाई (समाजवादी पार्टी के लोग) जब सत्ता में होते हैं तब अपना असली रंग दिखाते हैं। रविवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के अंबेडकर सभागार में आयोजित भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की एक दिवसीय बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया।
प्रदेश कार्यसमिति के समक्ष राजनीतिक प्रस्ताव प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता ने रखा। राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया ,” पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने को हिंदू कहने वालों को कहा कि वे 24 घंटे हिंसा, नफरत, असत्य (बातें) करते हैं। उनका यह कथन हिंदुस्तान के समूचे हिंदुओं का अपमान है।” उसमें कहा गया ,”हिंदू समाज आहत है, लोकसभा के पवित्र मंदिर में देश के बहुसंख्यक हिंदुओं को अराजक हिंदू बताने की हिम्मत कभी किसी ने नहीं की। उनका यह कथन अपने को हिंदू कहने पर पाबंदी लगाने जैसा है।”

प्रस्ताव में भाजपा ने कहा है, ”अभी वह नेता विपक्ष बने हैं, तब यह स्थिति है, यदि सत्ता में आ जाते तो निश्चित ही हिंदू शब्द बोलने पर प्रतिबंध लगा देते। भाजपा की यह प्रदेश कार्यसमिति राहुल गांधी के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करती है और हमारी मांग है कि वह अपने इस बयान पर संपूर्ण हिंदू समाज से माफी मांगें।” 2024 के लोकसभा चुनाव में कम सीट मिलने के बावजूद इस राजनीतिक प्रस्ताव कहा गया है कि प्रदेश भाजपा की यह कार्यसमिति इस जनादेश को आशीर्वाद स्वरूप लेते हुए गरीब कल्‍याण को समर्पित रहते हुए राज्य को विकास के पथ पर और भी आगे गति प्रदान करेगी। राजनीतिक प्रस्ताव में 2014 के लोकसभा चुनाव से लगातार 2017, 2019 और 2022 के चुनावों में मिली सफलता के जिक्र के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व की ‘डबल इंजन’ की सरकारों में हासिल उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए समाजवादी पार्टी पर भी जमकर प्रहार किया गया।

इस प्रस्ताव में कहा गया, ”विपक्ष में होने पर पिछड़े, दलितों, वंचितों के हितैषी होने का ढोंग रचने वाले सपाई (समाजवादी पार्टी के लोग) जब सत्ता में होते हैं तब अपना असली रंग दिखाते हैं। सत्ता में रहते हुए पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने का कार्य करते हैं।” उसमें यह भी कहा गया, ”हमें याद है कि सपा सरकार के दौरान कन्नौज मेडिकल कॉलेज के नाम से भारत रत्न बाबा साहेब आंबेडकर का नाम हटाया गया था। उसके (सपा के) पदाधिकारियों ने बाबा साहब के नाम के बोर्ड को भी तोड़ दिया था। इतना ही नहीं, एक आयोजन में सपा के एक नेता ने बाबा साहब को जमीन कब्जा करने वाला भूमाफिया बोल दिया था।” भाजपा ने कहा, ”अब हमें अधिक सामर्थ्य के साथ एकजुट होकर संगठन सूत्र चरैवेति चरैवेति के मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है।”

 

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