राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत एक “हिंदू राष्ट्र” है और सभी भारतीय हिंदू हैं तथा हिंदू सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने लोगों की अपेक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ को इस सबके बारे में सोचना चाहिए। आरएसएस प्रमुख यह बात नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कही।
उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुस्तान एक ‘हिंदू राष्ट्र’ है और यह एक सच्चाई है। वैचारिक रूप से, सभी भारतीय हिंदू हैं और हिंदू का मतलब सभी भारतीय हैं। वे सभी जो आज भारत में हैं, वे हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित हैं, इनके अलावा और कुछ नहीं।” भागवत ने कहा, “कुछ लोग इसे समझ गए हैं, जबकि कुछ अपनी आदतों और स्वार्थ के कारण समझने के बाद भी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ लोग या तो इसे अभी तक समझ नहीं पाए हैं या भूल गए हैं।”
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रिपोर्टिंग में सभी को शामिल किया जाना चाहिए और “अपनी विचारधारा को बरकरार रखते हुए” इसे निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। भागवत ने कहा कि “हमारी विचारधारा” की दुनियाभर में बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि वास्तव में इस विचारधारा का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, “हर कोई इसे समझ गया है। कुछ इसे स्वीकार करते हैं, कुछ नहीं।” आरएसएस प्रमुख ने कहा कि स्वाभाविक है कि इस संबंध में वैश्विक जिम्मेदारी देश-समाज और उन मीडिया पर आएगी जो “विचारधारा” का प्रसार करते हैं। भागवत ने पर्यावरण की देखभाल करने और “स्वदेशी”, पारिवारिक मूल्यों तथा अनुशासन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।