हापुड़ में वकीलों पर कथित लाठीचार्ज के विरोध में लखनऊ और हापुड़ में वकील बुधवार को भी हड़ताल पर रहे। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने लखनऊ में राज्य के मुख्य सचिव के साथ बातचीत के बाद 14 सितंबर को हड़ताल वापस ले ली थी। हालांकि, लखनऊ बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला किया।
लखनऊ बार एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप नारायण ने बताया कि लखनऊ बार एसोसिएशन की आम सभा की बैठक मंगलवार को हुई, जिसमें वकीलों ने 21 सितंबर तक न्यायिक कार्य से दूर रहने और उस दिन भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करने का फैसला किया। महासचिव ने कहा कि हापुड़ लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई और इससे वकीलों में आक्रोश है। हम हापुड़ के वकीलों के साथ हैं। उनकी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।
यूपी बार काउंसिल द्वारा हड़ताल वापस लेने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 15 सितंबर को हापुड़ के अपर पुलिस अधीक्षक सहित तीन अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था। पुलिस अधीक्षक (हापुड़) अभिषेक वर्मा ने बताया था कि सरकार के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मुकेश चंद्र वर्मा, क्षेत्राधिकारी (शहर) अशोक कुमार सिसोदिया और हापुड़ नगर के थाना प्रभारी सतेंद्र प्रकाश सिंह को जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है।
यूपी सरकार ने राज्य में अधिवक्ता संरक्षण विधेयक तैयार करने के लिए मंगलवार को तीन सदस्यीय समिति के गठन का फैसला किया है। राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक अधिवक्ता संरक्षण विधेयक तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जा रहा है। विधि विभाग के प्रमुख सचिव इस समिति के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा अपर महानिदेशक (अभियोजन) इसके सदस्य बनाए जाएंगे। साथ ही इसमें उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के एक प्रतिनिधि को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा। बार काउंसिल से अपने सदस्य का नाम देने का अनुरोध किया गया है। समिति सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद अपनी सिफारिशों से राज्य विधि आयोग को आगे की कार्रवाई पर विचार के लिए अवगत कराएगी।