बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कथित ऋण धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई – CBI) द्वारा आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर और उनके व्यवसायी-पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को ‘‘अवैध’’ करार दिया।

न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई और न्यायमूर्ति एन.आर. बोरकर की खंडपीठ ने जनवरी 2023 में एक अन्य पीठ द्वारा पारित अंतरिम आदेश की पुष्टि की, जिसमें मामले में उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद दोनों को जमानत दे दी गई थी।

वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को दंपति की याचिका को स्वीकार कर लिया और उनकी गिरफ्तारी को “अवैध” घोषित किया।

सीबीआई ने मामले में कोचर के अलावा वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था। उन्हें भी जनवरी 2023 में उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश में जमानत दे दी थी।

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