स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा की तुरंत रिपोर्ट की जानी चाहिए। संस्थानों को ऐसी घटनाओं के छह घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करानी होगी। इसकी जिम्मेदारी उस संस्थान के प्रमुख की होगी जहां मेडिकल स्टाफ कार्यरत है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई दुखद घटना के बाद पूरे भारत में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उसके शरीर पर चोट के निशान पाए गए और जांच में पता चला कि उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
बहरहाल आरोपी संजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।इस घटना के बाद देशभर में डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है और बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को लागू करने की मांग की है।
इधर हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इस बीच, डॉक्टरों के संगठनों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी हिंसा की सूचना छह घंटे के भीतर दी जानी चाहिए।