कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को यहां स्वर्ण मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने श्रद्धालुओं को जल प्रदान करके और उनके कटोरे साफ करके ‘सेवा’ दीं।
गांधी ने सिर को नीले रंग के कपड़े से ढककर स्वर्ण मंदिर के गर्भगृह में मत्था टेका।
प्रार्थना के बाद वह अकाल तख्त पहुंचे और श्रद्धालुओं द्वारा उपयोग किये गये पानी के कटोरे साफ करके सेवा दीं।
मंदिर में कुछ समय ठहरने के बाद वह एक स्थानीय होटल में गए और रात करीब आठ बजे लौटकर ‘छबील’ में ‘सेवा’ दी, जहां उन्होंने श्रद्धालुओं को पानी प्रदान किया।
कई श्रद्धालुओं को अपने मोबाइल फोन पर गांधी की तस्वीरें खींचते और वीडियो बनाते देखा गया। एक महिला श्रद्धालु ने गांधी से हाथ मिलाया।
‘सेवा’ देने के बाद, गांधी फिर से गर्भगृह में गए और वहां उन्होंने ‘शबद कीर्तन’ (धार्मिक भजन) सुना।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) आईटी विंग के प्रभारी जसकरण सिंह ने कहा कि इसके बाद गांधी ‘पालकी सेवा’ में शामिल हुए। इस अनुष्ठान में गुरु ग्रंथ साहिब को ‘सुखासन’ के लिए अकाल तख्त ले जाया जाता है।
गर्भगृह के बाहर गांधी को स्टील की ग्रिल की सफाई करके ‘सेवा’ देते भी देखा गया। वह वहां लगभग 15 मिनट रहे और रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर वह अपने होटल के लिए रवाना हुए।
इससे पहले दिन में, पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने ‘‘एक्स’’ पर लिखा कि गांधी निजी यात्रा पर स्वर्ण मंदिर आए हैं।
उन्होंने लिखा, ‘‘श्री राहुल गांधी सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेकने के लिए अमृतसर साहिब आए हुए हैं। यह उनकी निजी, आध्यात्मिक यात्रा है। हमें उनकी निजता का सम्मान करना चाहिए। सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे इस यात्रा के लिए न आएं। आप सभी अपने उत्साहपूर्वक समर्थन के साथ अगली बार उनसे मिल सकते हैं। ’’