स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में सोमवार को एक विशाल ‘तिरंगा’ रैली आयोजित की गई। इस रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
अनुमान के मुताबिक, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अगुआई में आयोजित इस रैली में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। रैली डल झील के किनारे बॉटनिकल गार्डन से शुरू हुई।
प्रतिभागियों ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) तक मार्च किया। रैली बॉटनिकल गार्डन में समाप्त होगी, जहां प्रतिभागी वापस गार्डन की ओर मार्च करेंगे।
कैनवास हस्ताक्षर अभियान के बाद बॉटनिकल गार्डन में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में देशभक्ति गीत गाए जाएंगे और देश की स्वतंत्रता के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
‘तिरंगा’ रैली सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लोगों को अपने घर पर झंडा लगाने और भारत की स्वतंत्रता को चिह्नित करने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है। शनिवार को भी केंद्र शासित प्रदेश के कई जिलों में तिरंगा रैलियां निकाली गई थीं।
5 अगस्त 2019 को संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर देश के बाकी हिस्सों के साथ पूरी तरह से मिल गया।
5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत की एकता और अखंडता का एक शक्तिशाली संदेश देने के लिए सभी सरकारी भवनों, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराना अनिवार्य कर दिया गया।
अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पारित किया गया, जिसके माध्यम से सभी केंद्रीय कानून, अधिकार, विशेषाधिकार, कर्तव्य और दायित्व जम्मू-कश्मीर तक बढ़ा दिए गए।