देशभर में आज 77वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा है। इसी खास मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहली बार स्वदेशी फील्ड गन से सलामी दी गई है।
औपचारिक सलामी के हिस्से के रूप में 105 मिमी लाइट फील्ड गन से फायरिंग की गई है। यह पहली बार है कि इन स्वदेशी बंदूकों का इस्तेमाल स्वतंत्रता दिवस समारोह में औपचारिक फायरिंग के लिए किया गया है।
पहली बार 21 तोपों की सलामी स्वदेशी 105 मिमी लाइट फील्ड गन द्वारा दी गई है। इनमें से 8 तोपों को लाल किला परिसर में तैनात किया गया था।
#WATCH | Delhi | 105 mm Light Field Guns firing as part of the ceremonial salute today. This is the first time that these indigenous guns have been used for ceremonial firing at the #IndependenceDay celebrations.
(Video source: Indian Army officials) pic.twitter.com/Pf2mNaEtLX
— ANI (@ANI) August 15, 2023
बता दें कि74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भी 105 मिमी फील्ड गन से सलामी दी गई थी।
जानिए 105 मिमी लाइट फील्ड गन के बारे में…
– 105 मिमी इंडियन फील्ड गन एक तरह की स्वदेशी तोप है। इसको आप एक शक्तिशाली रेंज वाला हथियार के तौर पर भी देख सकते हैं। ये फील्ड गन अब भारतीय सेना में बड़े पैमाने पर उपयोग की जा रही है।
– भारतीय सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 25-पाउंडर बंदूकों को बदलने के मकसद से 105 मिमी भारतीय फील्ड गन को आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, एआरडीई द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
– जबलपुर में गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने 1984 में भारतीय फील्ड गन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया और तब से यह भारतीय सशस्त्र बल का हिस्सा है।
–105 मिमी लाइट फील्ड गन के लिए गोला-बारूद भी भारत में विकसित किया गया है। जिसको अंबाझारी और चंद्रपुर में आयुध कारखानों में बनाया जाता है।
-105 मिमी लाइट फील्ड गन अपनी पोर्टेबिलिटी के कारण, पहाड़ी और अन्य कठिन इलाकों के लिए बहुत सही है।
– ये फील्ड गन छह राउंड प्रति मिनट की तीव्र दर से 10 मिनट तक और एक घंटे तक आग की निरंतर दर को बनाए रखने में सक्षम है।
-ये फील्ड गन छह कर्मियों के दल द्वारा संचालित होती है और इसमें द्वितीयक टैंक रोधी क्षमता होती है।