मुजफ्फरनगर। जनपद में शुक्रवार को एक अमानवीय घटना सामने आई है। यहां पर एक स्कूल की महिला शिक्षक ने टेबल याद न करने पर बच्चे को उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियों में एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का भी आरोप है। इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है।

एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत और खतौली के पुलिस क्षेत्राधिकारी रविशंकर  मिश्रा ने बताया कि यह मामला मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में स्थित एक निजी स्कूल का है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है एक महिला शिक्षक एक छात्रा को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवा रही है। उन्होंने बताया कि वीडियो की जांच की गई है। प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि स्कूल का काम पूरा न करने पर छात्र की पिटाई की जा रही थी और वीडियो में कुछ आपत्तिजनक बातें भी कही जा रही थीं। इस मामले की शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने पत्रकारों को बताया कि एक बच्चे को कक्षा के अन्य छात्र थप्पड़ मार रहे थे। इस वीडियो में दो लोग भी हैं, जिनमें से एक शिक्षक है, जबकि दूसरा व्यक्ति कौन है यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा दोनों शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या जिस बच्चे को पीटा जा रहा है वह मुस्लिम है और उसे पीटने वाले हिंदू हैं, तो शुक्ला ने कहा अभी हम यह नहीं कह सकते हैं और यह जांच का विषय है। हमारी टीम इसकी जांच करेगी।उन्होंने कहा कि पुलिस ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

उधर इस मामले को लेकर राजनीति गरमा गई है। एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से लिखा कि उत्तर प्रदेश के एक स्कूल में टीचर एक मुसलमान बच्चे को क्लास के बाकी बच्चों से पिटवा रही है और इसप र खुश भी हो रही है।

उन्होंने कहा कि बाकी जगह तो ऐसी वीडियो पर तुरंत एक्शन लिया जाता है, लेकिन यहां क्या हो गया? एक नोटिस तक जारी नहीं किया। ओवैसी ने कहा कि बच्चों पर जुल्म हो रहे हैं, लेकिन पुलिस आरोपी को जाने देती है।

ऐसे में पुलिस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मध्य प्रदेश सरकार ने एक छोटी सी बात पर एक स्कूल पर बुलडोजर चला दिया था। यहां एक बच्चे को उसके मजहब की बुनियाद पर पीटा जा रहा है और एक कड़ी निंदा वाला ट्वीट तक नहीं आता।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक्स माध्यम से कहा कि “मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का जहर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफरत का बाजार बनाना एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। यह भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है। बच्चे भारत का भविष्य है- उनको नफ़रत नहीं, हम सबको मिलकर मोहब्बत सिखानी है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने इस घटना को लेकर कहा कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक महिला शिक्षक द्वारा कक्षा में बच्चे को अन्य बच्चों से पिटवाए जाने की घटना की जानकारी मिली है। संज्ञान ले कर कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

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