आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जलभराव को लेकर हो रही राजनीति के बीच प्रेसवार्ता कर अपनी बात रखी।
उन्होंने बताया कि कैसे जलभराव की समस्या के समाधान के लिए तंत्र स्थापित किया गया है और यह कैसे काम करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि कहां चूक होने पर तंत्र विफल हो जाता है और जलभराव की समस्या शुरू हो जाती है। इससे आम तौर पर लोगों को बारिश के दौरान दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, “मैं कुछ दिनों से लगातार देख रहा हूं कि दिल्ली में जलभराव की समस्या को लेकर व्यापक स्तर पर चर्चा हो रही है और कुछ लोग राजनीति करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।”
आप नेता ने कहा, “मैंने लोगों को यह बताने के लिए कि दिल्ली का प्रशासन कैसे चलता है, एक बैठक की थी। इसके बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए मैंने अपनी मीटिंग के कुछ वीडियो क्लिप भी अपने एक्स हैंडल पर साझा किए थे। ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि कोई सीक्रेट कैमरा लगाकर मीटिंग को कवर किया गया था। बेहद ही आम कैमरों से मीटिंग को कैद किया गया था। मीटिंग में हमारे सभी आला अफसर मौजूद थे। सभी को पता था कि हम कैमरे से इन सभी गतिविधियों को शूट कर रहे हैं, तो अब आप समझ सकते हैं कि वे सभी अफसर बेस्ट थे। मैं आपको किसी और दिन बताऊंगा कि जब कैमरा नहीं होता है, तो अफसरों का बर्ताव कैसा होता है, उस बैठक में मैंने यही बताया था कि आप किसी भी वैज्ञानिक से पूछ लीजिए कि किसी भी शहर में जलभराव की समस्या का निपटारा करने के लिए अगर कोई तरीका है, तो वो है डिसिल्टिंग। डिसिल्टिंग के जरिए अगर नालियों का गाद निकाल लिया जाए, तो मानसून आने से पहले किसी भी शहर में जलभराव की समस्या पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। मैंने इसी संबंध में बैठक में अफसरों से विस्तारपूर्वक चर्चा की थी।”