गृहयुद्ध की हिंसा में झुलस रहे सूडान (Sudan crisis) में फंसे फंसे भारतीयों को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है। सूडान में कई दिनों से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। हिंसक झड़प और गोलीबारी में अब तक एक भारतीय की गोली लगने से मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) सूडान में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर खासे चिंतित हैं। इसी पर शुक्रवार (21 अप्रैल) को प्रधानमंत्री मोदी ने हाई-लेवल मीटिंग की। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) भी शामिल हुए। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से मुलाकात कर अपनी चिंता से अवगत कराया।
आपको बता दें, प्रधानमंत्री मोदी की मीटिंग में विदेश सचिव (Foreign Secretary), रक्षा सचिव (Secretary of Defense), एयर चीफ मार्शल, डीएस पीएमओ विपिन कुमार (DS PMO Vipin Kumar), रियाद में भारतीय राजदूत, नेवल स्टाफ के प्रमुख आदि शामिल हुए। पीएम मोदी ने बड़े अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इसी कड़ी में उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से मुलाकात की। वह गुयाना, पनामा, कोलंबिया और फिर डोमिनिका रिपब्लक भी जाएंगे। सूडान हिंसा के मद्देनजर जयशंकर न्यूयॉर्क पहुंचे। जहां भारतीय की सुरक्षा को लेकर यूनाइटेड नेशन के चीफ एंटोनियो गुटेरेस (United Nations Chief Antonio Guterres) से मुलाकात की। उन्होंने अपने देश के नागरिकों को सूडान से सुरक्षित बाहर निकालने सहित अन्य मसलों पर बात की।
आपको बता दें, हिंसा प्रभावित सूडान में कम से कम 4 हजार भारतीय हैं। राजधानी खार्तूम में भारतीय दूतावास (India Embassy) के आंकड़ों के मुताबिक, 1500 भारतीय वहां लंबे समय से रह रहे हैं। यूएन प्रमुख के साथ विदेश मंत्री जयशंकर की मुलाकात के बाद साफ है कि भारत वहां से अपने लोगों को रेस्क्यू करने का प्लान बना रहा है।
दरअसल, सूडान में 14 अप्रैल को जनरल अब्देल फत्ताह बुरहान (General Abdel Fattah Burhan) की अगुवाई वाली सेना और जनरल मोहम्मद हमदान दगालो की अगुवाई वाली सेना रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच हिंसा भड़क उठी। सूडान में 2021 में तख्तापलट हुआ था। जिसके बाद दोनों ने मिलकर यहां सैन्य सरकार चलाने का फैसला लिया था। लेकिन, आपसी मतभेदों की वजह से सरकार गिर गई। सूडान एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गया।