उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश के क्रियान्वयन पर अपनी रोक नवंबर तक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर शीर्ष अदालत द्वारा 16 जनवरी को लगाई गई रोक को जारी रखने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की न्यायालय की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दे दी थी तथा इसकी निगरानी के लिए न्यायालय आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे चिह्न मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी मंदिर था। सुनवाई के दौरान हिंदू पक्षकारों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय के पिछले साल 14 दिसंबर के आदेश और मामले में संबंधित आदेशों के खिलाफ शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन ट्रस्ट समिति की अपील निष्फल हो गई है। उन्होंने कहा, “ये सभी याचिकाएं निरर्थक हो गई हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय ने एक अगस्त को अपना आदेश सुना दिया है।”

जैन ने उच्च न्यायालय के एक अगस्त के आदेश का हवाला दिया, जिसमें उसने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित 18 मामलों की विचारणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षकारों की याचिका को खारिज कर दिया था और फैसला सुनाया था कि मस्जिद के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने की आवश्यकता है।

 

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