शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बीते मंगलवार सुनवाई न होने से नाराज एक पीड़ित ने एसपी ऑफिस के बाहर खुद को आग लगा ली। आग लगने के बाद पीड़ित काफी देर तक एसपी के दफ्तर में ही आग की लपटों में घिरा रहा। इस मामले में उसे ऐसा करने के लिये उकसाने के आरोप में सात अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित को गंभीर हालत में लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
जानकारी के मुताबिक, तारिक अली नामक व्यक्ति ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंच कर अपने पैरों पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली थी। हालांकि, पुलिसकर्मियों ने तत्काल कंबल डालकर आग पर काबू पा लिया। इसके बाद उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज मे भर्ती कराया गया था। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि सदर थाने में तैनात दारोगा सुभाष चंद्र दीक्षित की ओर से मंगलवार को सात अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी के अनुसार तारिक अली मंगलवार को जब पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा तो वहां मौजूद छह-सात लोगों ने उसे उकसाया कि अगर वह अपने पैरों में आग लगाकर हो-हल्ला करेगा तो पुलिस दबाव में आ जाएगी और वह उसके सहयोगी उमेश तिवारी द्वारा वापस ली गयी मालवाहक गाड़ी भी दिला देगी और तिवारी ने उसे जो धन दिया है वह भी वापस नहीं करना पड़ेगा।
इसके बाद पीड़ित ने आरोपियों के बताए मुताबिक काम किया लेकिन ज्वलनशील पदार्थ ज्यादा गिर गया जिससे आग की लपटों ने उसे पूरी तरह घेर लिया और आरोपी अली को बचाने के बजाय घटना का वीडियो बनाते रहे। मीणा ने दर्ज मुकदमे के हवाले से बताया कि इस घटना में फरियादियों एवं पुलिसकर्मियों की जान खतरे में पड़ गई तथा कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि अज्ञात आरोपियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज से की जा रही है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुए हैं उनका भी संज्ञान लिया जा रहा है। पुलिस ने अज्ञात सात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव करने), 148 (मृत्यु कारित होने की संभावना), 149 (गैरकानूनी रूप से जमावड़ा लगाना), 114 (अपराध करने के लिए प्रेरित करना), 115 (अपराध के लिए उकसाना) तथा 120 बी (षड्यंत्र करना), 306 (आत्महत्या के दुष्प्रेषण) तथा 309 (आत्महत्या में सहायता करना), 511 (आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों के लिए सहायता) सहित 14 गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इस बीच, राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि मंगलवार को 50 प्रतिशत तक जले तारिक अली को दिन में उपचार के लिए लाया गया था। मगर ज्यादा झुलस जाने के चलते उसे शल्य चिकित्सा के लिये लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। पुलिस अधीक्षक मीणा ने बताया कि घटना में पीड़ित का अपने कारोबारी मित्र उमेश तिवारी से भार वाहन को लेकर विवाद था। न्यायालय के आदेश पर दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे के विरुद्ध मामला सदर बाजार थाने में दर्ज किया गया था। यह मामला अदालत में है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) संजय कुमार के नेतृत्व में बनी एक टीम कर रही है।