ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने बीते शुक्रवार अचानक अपनी सासंदी से इस्तीफा दे दिया था। बोरिस पर कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री पद रहते हुए ऑफिस में पार्टी करने के आरोप लगे थे।

सासंदी से इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया है। ब्रिटेन की चर्चित अखबार द डेली मेल ने बोरिस जॉनसन को एक स्तंभकार के रूप में जगह दी है।

द डेली मेल अखबार ने लिखा है, “आप बोरिस के प्रशंसक हैं या नहीं, लेकिन आपके लिए इसे पढ़ना जरूरी होगा – वेस्टमिंस्टर और दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए।”

द डेली मेल ब्रिटेन का सबसे अधिक चर्चित दक्षिणपंथी अखबार है। यहां पहले भी बोरिस जॉनसन और ऋषि सुनक अपने विचार रखते आए हैं।
ब्रिटेन के सबसे प्रसिद्ध और सबसे विभाजनकारी राजनेताओं में से एक बोरिस जॉनसन की पत्रकारिता में उनकी वापसी को एक नई शुरुआत से जोड़कर देखा जा रहा है।

बोरिस जॉनसन का पत्रिकारिता का करियर बेहद विवादास्पद रहा है। बोरिस जॉनसन ने 1987 के अंत में ब्रिटेन के प्रतिष्ठित द टाइम्स अखबार से नौकरी की शुरुआत की थी। इस अखबार में काम करते हुए एक लेख में उन्होंने गलत तरह से अपने कथन को इतिहासकार कॉलिन लुकास से जोड़ दिया था। उनकी इस हरकत का पता लगने के बाद अखबार के एडिटर चार्ल्स विल्सन ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया था।

इसके बाद बोरिस जॉनसन ने द डेली टेलीग्राफ में नौकरी शुरू की। इस अखबार में उन्हें अपनी यूरोप-विरोधी रिपोर्टिंग के लिए काफी पहचान मिली। हालांकि उनपर झूठ से भरे और बहकाने वाले लेख लिखने के आरोप भी लगे।

इसके बाद बोरिस जॉनसन द स्पेक्टेटर मैगजीन के साथ जुड़े। द स्पेक्टेटर मैगजीन का संपादक रहने के साथ ही बोरिस जॉनसन ने सांसद पद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सासंद रहने के दौरान भी वह स्पेक्टेटर में कॉलम लिखते रहे। इसके बाद लंदन का मेयर बनने के बाद उन्होंने डेली टेलीग्राफ में कॉलम लिखना जारी रखा, जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ।

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