दिल्ली के साकेत जिला न्यायालय ने एक महिला को उसके पूर्व पति को बदनाम करने और दुर्भावनापूर्ण और झूठे मुकदमे के लिए 15 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। जिला न्यायाधीश सुनील बेनीवाल ने आदेश पारित करते हुए कहा कि महिला के कृत्यों ने उसके पूर्व पति को चोट पहुंचाई और उसके पेशेवर विकास में बाधा उत्पन्न की।
जिला न्यायाधीश ने 29 जुलाई को पारित फैसले में कहा, “प्रतिवादी (पूर्व पत्नी) को मानहानि, नामजद मानहानि और वादी को हुई क्षति के आधार पर वादी (पुरुष) को 15 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया जाता है, जो प्रतिवादी की कार्रवाई का प्रत्यक्ष परिणाम है।” यह कहा गया कि क्रूरता के आधार पर विचार करने के बाद अदालत द्वारा पारित तलाक के आदेश द्वारा पक्षों के बीच विवाह 2021 में भंग कर दिया गया था। हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार, उनकी शादी 2001 में हुई थी। उन्होंने अपनी पूर्व पत्नी से मानहानि, दुर्भावनापूर्ण और झूठे मुकदमे के लिए 25 लाख रुपये का हर्जाना मांगा, साथ ही 18 प्रति वर्ष की ब्याज दर भी मांगी।
पुरुष ने कहा कि तलाक के बाद भी महिला उसके रिश्तेदारों को ईमेल भेजकर उसे बदनाम करती रही। यह भी आरोप लगाया गया कि महिला ने अपने ईमेल खातों के माध्यम से अपने दोस्तों के साथ चैट करते समय वादी और उसकी माँ के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
यह भी कहा गया कि पुरुष को मार्च 2022 में बड़ी सर्जरी करानी पड़ी, जिसमें उसे 6 लाख रुपये खर्च करने पड़े। अदालत ने 29 जुलाई, 2024 को दिए फैसले में कहा, “मामले के रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि प्रतिवादी ने मानहानि के माध्यम से मानहानि के कृत्यों में लिप्त है।”