भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने सामुद्रिक क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने के लिए आत्मनिर्भर दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया है। भारतीय नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल भारतीय नौसेना विमानन क्षेत्र में इसके संभावित उपयोग को रेखांकित करती है। देश के भीतर विमान विनिर्माण की दिशा में विभिन्न पुर्जों और महत्वपूर्ण कम्‍पोनेंट के स्थानीयकरण की दिशा में उठाए गए वर्तमान कदमों में तेजी आई है और भारतीय उद्योग की क्षमता उत्साहजनक रही है।

उन्होंने सख्‍त जांच लागू करने और एसओपी पर दोबारा विचार करने के द्वारा उड़ान सुरक्षा के महत्व और विमान दुर्घटनाओं में कमी लाने पर भी प्रकाश डाला। नौसेना प्रमुख, भारतीय नौसेना की ‘आत्मनिर्भर वायु इकाई 2023’ विषय-वस्‍तु पर दो दिवसीय संगोष्‍ठी में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम दक्षिणी नौसेना कमान कोच्चि, 13-14 नवंबर 23 तक मुख्यालय नौसेना विमानन के तत्वावधान में आयोजित किया गया।

नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में सेमिनार की अध्यक्षता की। विषय वस्तु विशेषज्ञों और प्रख्यात पैनलिस्टों द्वारा नवोन्‍मेषण को बढ़ावा देने के लिए गहन विश्लेषण और रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंतर्दृष्टिपूर्ण शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए। संगोष्‍ठी ने स्वदेशीकरण प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने के लिए समकालीन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के तरीकों पर विचार करने के उद्देश्य से विमानन के क्षेत्र में विभिन्न विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने में एक प्‍लेटफॉर्म के रूप में कार्य किया।

इसका महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह आत्मनिर्भर भारत की अपील के अनुरूप नौसेना विमानन में आत्मनिर्भरता अर्जित करने के तरीकों को देखने का एक अनूठा प्रयास था। इस अवसर पर विभिन्न नौसैनिक स्क्वाड्रनों और उड़ानों को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।

सीएनएस ने कमांडर अभिषेक तोमर, डिफेंस सिविलियंस गीतेश शेनॉय एमसीएम (एआर) और जोसेफ टॉम सीएम (एआर) को प्रशस्ति प्रदान की, जिन्होंने स्वदेशीकरण प्रयासों में योगदान दिया, जिसके परिणामस्वरूप आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना को ध्यान में रखते हुए सीकिंग हेलीकॉप्टरों का इष्टतम उपयोग किया गया।

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