ये वाकया है महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले का है। जहां पर 190 मछुआरों को अकारण ही तकरीबन 29 दिनों तक अवैध रूप से बंधक बनाने का मामला प्रकाश में आया है। इसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ित मछुआरों के परिवारीजनों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से अपना दुखड़ा रोया। शुक्रवार को गांधी ने जब महाराष्ट्र सरकार को मामले से अवगत कराया तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन- फानन में सभी ने मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कस्टडी में रखे गए सभी एक सौ नब्बे मछुआरों को छोड़ दिया है।
यूपी के सुल्तानपुर जिले के जयसिंहपुर, बल्दीराय, लंभुआ, चांदा आदि क्षेत्रों से संबंधित दर्जनों गांवों के सैकड़ों निषाद समाज के मछुआरे महाराष्ट्र के रायगढ़ में मजदूर के रूप में समुद्र से मत्स्य आखेट करते हैं। गत माह करीब एक सौ नब्बे मछुआरे अपने मत्स्य आखेटक ठेकेदारों के साथ उनकी चौदह नौकाओं पर समुद्र में आखेट कर रहे थे। तभी समुद्र तटरक्षकों (कोस्टगार्ड) व मत्स्य विभाग के अफसरों ने बोट व नौकाओं सहित सैकड़ों मछुआरों को रोक लिया। सामुद्रिक नियमों के उल्लंघन के आरोप में नौकाएं सीज करने के साथ मत्स्य आखेटक ठेकेदारों पर एक्शन लिया ही मछुआरों को भी अकारण बंधक बना लिया। जबकि वे सिर्फ दैनिक मजदूरी पर ठेकेदारों के अधीन मत्स्य आखेट करने वाले श्रमिक ही थे। कोस्टगार्ड, मत्स्य विभाग व पुलिस के सामने गुहार लगाने के बावजूद इन मछुआरों के परिजनों को कोई सफलता नहीं मिली।
सांसद मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि अंततः थक हारकर इन मछुआरों के परिवारीजनों ने निषाद पार्टी के संगठन जिला उपाध्यक्ष रमेश निषाद को साथ लेकर सुल्तानपुर की सांसद मेनका संजय गांधी के सामने दुखड़ा रोया (विदित हो कि बंधक बनाए गए अधिकांश मछुआरे सुल्तानपुर के ही निवासी हैं )। जिसपर उन्होंने रायगढ़ के फिशरीज कमिश्नर, पुलिस अधीक्षक व मुरुड पुलिस एसएचओ से वार्ता की। प्रकरण में निर्दोष मछुआरों को बंधक बनाए जाने पर अफसर कोई सफाई नहीं पेश कर सके। आखिरकार आनन-फानन में सभी बंधक बनाए गए मछुआरों की तत्काल रिहाई के निर्देश उच्चाधिकारियों ने मातहतों को दे दिए हैं। कमिश्नर अतुल पाटने ने बताया कि सभी मछुआरे बोट मालिकों को सौंपे जा चुके हैं। पुलिस स्टेशन मुरुड की एसएचओ निशा जाधव जे ने भी इसकी पुष्टि की है। निषाद समाज के लोगों ने आज शास्त्रीनगर आवास पर जाकर सांसद मेनका गांधी का धन्यवाद व आभार प्रकट किया। सांसद की पहल से निषाद समाज के लोगों में खुशी का माहौल है।