सहारनपुर (मनीष अग्रवाल)। जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र को देश एवं प्रदेश में सर्वाधिक आयुष्मान कार्ड बनाने पर स्काॅच अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। प्रबंध निदेशक स्कॉच समूह दीपक दलाल ने जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र को बधाई देते हुए कहा कि स्कॉच अवार्ड एक प्रतिष्ठित सम्मान है। उन्होंने जिलाधिकारी को सभी मूल्यांकन चरणों में अपनी भागीदारी सफलतापूर्वक पूरा करने पर भी बधाई दी। स्कॉच अवार्ड अपनी कठोर, स्वतंत्र, पारदर्शी एवं निष्पक्ष परिणाम आधारित मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए जाना जाता है।जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र को पूर्व में भी पराली प्रबंधन, नेपियर घास के प्रबन्धन, राजस्व कार्यों के क्षेत्र में निर्विवाद वरासत के लिए स्काॅच अवार्ड से सम्मानित हो चुके है। प्रधानमंत्री के गरीब परिवारों को एक सार्थक शारीरिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की संवेदनशील सोच के दृष्टिगत जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चंद्र के कुशल नेतृत्व में जनपद पात्र एवं चिह्नित लाभार्थियों को स्वास्थ का सुरक्षा कवच दिए जाने की दिशा में आयुष्मान कार्ड बनाने के अंतर्गत देश एवं प्रदेश में सर्वाधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गये। यह कार्य जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र के अभिनव प्रयासों एवं आमजन के प्रति उनके सेवाभाव से संभव हो पाया। शासन स्तर से भी जिलाधिकारी की सराहना की गई। वह निरंतर अधिकारियों एवं कर्मचारियों से संवाद स्थापित कर प्रोत्साहित करते रहे। जिलाधिकारी के कार्यकाल में विगत 08 माह में 06 लाख 37 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गये।
इसके साथ उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि लिए इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर जैसे कार्य को यादगार बनाने के लिए जिलाधिकारी को सम्मानित करने के लिए दिल्ली में एक स्कॉच शिखर समारोह का आयोजन किया जाएगा।
स्कॉच अवार्ड्स की स्थापना 2003 में उन लोगों, परियोजनाओं एवं संस्थानों को पहचानने के उद्देश्य से की गई थी जो भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करते हैं। स्कॉच पुरस्कार न केवल असाधारण उपलब्धि हासिल करने वालों-संगठनों और व्यक्तियों को सम्मानित करता है, बल्कि प्रेरणादायक मार्गदर्शन और प्रेरक नेतृत्व को भी प्रोत्साहित करता है।स्कोच पुरस्कार ‘स्कॉच ग्रुप’ द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रयासों के लिए प्रदान किया जाता है। डिजिटल, वित्तीय एवं सामाजिक समावेशन, सुशासन, समांवेशी विकास, प्रौद्योगिकी तथा अनुप्रयोगों में उत्कृष्टता, परिवर्तन प्रबंधन, कॉर्पोरेट नेतृत्व, नैगमिक शासन, नागरिक सेवा वितरण, क्षमता निर्माण, सशक्तिकरण एवं ऐसे अन्य सौम्य मुद्दे हैं।