तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर विवादित बयान के बाद हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता शेखर बाबू ने कहा कि उनकी पार्टी सभी हिंदुओं का स्वागत करती है। साथ ही सनातन धर्म अनुयायियों का भी समर्थन करती है।
शेखर बाबू ने कहा कि हम सनातन धर्म का पालन करने वालों का विरोध नहीं करते हैं। लेकिन इसके कुछ सिद्धांत प्रगतिशील नहीं हैं। जैसे महिलाओं को शिक्षित न होने देना, ‘सती प्रथा’ और ‘कुल कालवी’ जैसी प्रथा समाज के लिए ठीक नहीं है।
हम कहते हैं कि लोगों में बंटवारा नहीं होना चाहिए और छुआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म होना चाहिए। लेकिन यह सब सनातन धर्म में शामिल है। हम इसका विरोध करते हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी दावा किया कि डीएमके हिंदुओं का पूरे दिल से स्वागत करता है।
शेखर बाबू ने कहा कि तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई बिना मतलब के बोल रहे हैं और उन्होंने केवल सनातन बहस को उठाया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में जिस तरह से शासन किया जा रहा है, उसके बारे में आलोचना करने के लिए उनके पास और कुछ नहीं है। इसलिए वो सनातन बहस को छेड़ रखा है।
मंत्री शेखर बाबू ने कहा कि डीएमके समावेशी सरकार चलाती है, जिन्होंने हाल ही में सभी जातियों के 93 पुजारियों को प्रमाणित किया है। जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं।
मुंबई के मीरा रोड पुलिस ने हाल ही में डीएमके मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज की है। इसके बाद डीएमके मंत्री शेखर बाबू का यह बयान आया है। उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में लोगों के बीच विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए सनातन धर्म को दोषी ठहराया थी। कहा कि इसे खत्म किया जाना चाहिए।