यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज हो गई है। मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद उनके खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। अब उनकी दीपा सराय में बन रही एक अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन ने उन्हें नोटिस भेजा है, जिसमें 7 दिन के अंदर संतोषजनक जवाब देने को कहा गया है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो निर्माण को तोड़ दिया जाएगा।
19 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे किया गया था, जिसमें यह दावा किया गया कि मस्जिद में हरिहर मंदिर भी है। इस दौरान सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क वहां पहुंचे थे। पुलिस ने उन्हें समझाकर सर्वे कराया था। लेकिन इसके बाद सांसद ने कुछ भड़काऊ बयान दिए थे, जिसके कारण 24 नवंबर को हिंसा भड़क गई। पुलिस ने इस हिंसा के लिए सांसद का नाम भी शामिल किया था। इसके साथ ही उनके पिता के खिलाफ भी एक मुकदमा दर्ज किया गया था।
5 दिसंबर को जिला प्रशासन ने जियाउर्रहमान बर्क को नोटिस जारी किया। इसमें उन्हें 12 नवंबर को विनियमित क्षेत्र के कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था। नोटिस में यह भी बताया गया कि बिना नक्शा पास कराए मकान का निर्माण कराया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अगर इस नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो यह निर्माण तोड़ दिया जाएगा।
इस बीच, जियाउर्रहमान बर्क ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि 24 नवंबर को 5 लोगों की हत्या कर दी गई और अब पुलिस मुसलमानों में डर पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस जुल्म की सारी हदें पार कर रही है और महिलाओं व बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।
जामा मस्जिद के सर्वे के बाद भड़की हिंसा के आरोपियों की तलाश में पुलिस ने एक और सर्च ऑपरेशन चलाया। इस बार भी सर्च अभियान सांसद के मुहल्ले दीपा सराय में चलाया गया, जहां 20 मकानों की तलाशी ली गई। हालांकि, इन मकानों में कुछ संदिग्ध सामान नहीं मिला और न ही कोई आरोपी पुलिस के हाथ लगा। इससे पहले सोमवार को चलाए गए सर्च ऑपरेशन में 13 मकानों की तलाशी में दो तमंचे और स्मैक बरामद किए गए थे। इस दौरान महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।