शाहजहांपुर में मकान के विवाद को लेकर बुधवार की दोपहर करीब तीन बजे सपा महिला सभा की महानगर अध्यक्ष खालिदा बेगम (30) की उसके पति व ससुरालियों ने गड़ासे से गला काटकर हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी मौके से भाग गए। दिनदहाड़े हत्या के बाद एसपी अशोक मीणा, एएसपी सुधीर जायसवाल मौके पर पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

थाना सदर बाजार क्षेत्र के मोहल्ला गदियाना स्थित शांतिपुरम कॉलोनी निवासी रकीम से खालिदा बेगम का 13 साल पहले निकाह हुआ था। खालिदा के भाई शाहनवाज का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराली उसे प्रताड़ित करने लगे थे। वे बहन को घर में नहीं रखना चाहते थे। 22 दिन पहले भी विवाद होने पर सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

इसी के चलते एक महीने से वह अपने मायके में रह रहीं थीं। बुधवार को खालिदा को ससुराल वालों ने मकान के झगड़े का फैसला करने के लिए बुलाया था। इसी बीच उसकी गड़ासे से गला काटकर हत्या कर दी और आरोपी भाग गए। चीख-पुकार होने पर पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे तो खालिदा का शव मिला।

सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। एसपी अशोक मीणा ने भी मौका-मुआयना किया। मृतका के भाई शाहनवाज ने बहनोई रकीम, उसके भाई नदीम, नवील, मुस्तकीम, सास उम्मती, ससुर सोहराब, ननद फातिमा के खिलाफ तहरीर दी है। एसपी अशोक मीणा ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

शाहजहांपुर में निकाह के बाद से ही खालिदा बेगम और उनके ससुराल वालों के बीच विवाद शुरू हो गया था। ससुराल वाले किसी कीमत पर उन्हें घर में नहीं रखना चाहते थे जबकि खालिदा ससुराल में ही रहना चाहती थीं। आठ साल पहले भी ससुराल के लोगों ने खालिदा को जलाकर मारने की कोशिश की थी लेकिन 70 प्रतिशत जलने के बावजूद उनकी जान बच गई थी।
भाई शाहनवाज ने बताया कि पति रकीम पहले ट्रक चलाता था। शादी के कुछ समय के बाद उसने यह काम छोड़कर मजदूरी शुरू कर दी। 22 दिन पहले रकीम और उसकी मां ने खालिदा, शाहनवाज तथा उनके मामा के खिलाफ सदर थाने में मारपीट की तहरीर दी थी। बाद में समझौता कर लिया। आए दिन होने वाले विवाद के चलते खालिदा करीब एक महीने से अपने घर पर रह रही थीं।
बुधवार को रकीम अपनी ससुराल पहुंचा। शाहनवाज ने पुलिस को बताया कि इससे पहले मंगलवार रात में ससुराल से खालिदा के पास फोन कॉल पहुंची। इसमें खालिदा को बुधवार दोपहर को बुलाकर ले जाने के बाद मकान में रहने देने और विवाद न करने का झांसा दिया गया। बुधवार दोपहर दो बजे खालिदा को लेकर रकीम ससुराल पहुंच गया।

माना जा रहा है कि ससुराल पहुंचते ही खालिदा से उन लोगों का झगड़ा शुरू हो गया। करीब तीन बजे आरोपियों ने पीटने के बाद खालिदा की गर्दन पर गड़ासे से वार कर हत्या कर दी। उनके दोनों हाथों पर भी गड़ासे से वार के निशान मिले हैं।

माना जा रहा है कि खालिदा की हत्या पूरी योजना बनाकर की गई, क्योंकि रकीम केवल उन्हें ही लेकर घर गया। बेटे फैजान (12) को ननिहाल में ही छोड़ गया था। हत्या की सूचना आने के बाद शाहनवाज भी अपने दोस्तों के साथ सबसे पहले पहुंचा।
घटनास्थल की स्थिति को देखकर लग रहा है कि खालिदा ने काफी संघर्ष किया। घर में सामान बिखरा पड़ा मिला। खालिदा के शव को देखकर प्रतीत हो रहा कि एक वार से ही उनके गले की नस कट गई। शव के आसपास की दीवारों पर भी खून के छींटे मिले हैं।
हत्या के दौरान चीख-पुकार होने पर ससुराल के लोग मौके से भाग गए। पहले तो पति-पत्नी के बीच का विवाद समझकर पड़ोसियों ने हस्तक्षेप नहीं किया लेकिन थोड़ी देर में चीखें बंद होने और घर का दरवाजा खुला देखकर पड़ोसियों को अनहोनी की आशंका हुई। इसके बाद हिम्मत कर कुछ लोग अंदर गए तो नल के पास शव पड़ा देखा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
खालिदा बेगम राजनीति में काफी सक्रिय रहती थीं। 29 जून को ही वह समाजवादी महिला सभा की महानगर अध्यक्ष बनी थीं। जिलाध्यक्ष स्नेहा गुप्ता के साथ उनके नाम की घोषणा की गई थी। दो दिन पहले मणिपुर की घटना के विरोध में कैंडल मार्च में खालिदा बेगम ने कई महिलाओं के साथ शिरकत की थी।
13 साल से खालिदा ससुरालियों के उत्पीड़न से परेशान थीं। आए दिन उन्हें परेशान किया जाता था। आए दिन के विवाद के चलते खालिदा ने राजनीति की ओर रुख किया था। महिलाओं को पार्टी में जोड़ा तो उन्हें महानगर अध्यक्ष बनने का मौका भी मिल गया था।
शाकिर खां की बेटी खालिदा का एक भाई शाहनवाज है। विवाहित बड़ी बहन आबिदा सूरत में रहती हैं। खालिदा को शादी के बाद अधिकतर समय अपने मायके में गुजारना पड़ा। उनकी मौत से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। खालिदा के 12 साल के बेटे फैजान ने बताया कि मां और पिता में रोजाना ही झगड़ा होता था।
तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सीओ सिटी के नेतृत्व में दो टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगाई गई हैं। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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