उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार की तरफ से सपा के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान (Azam Khan) पर शिकंजा कसता जा रहा है। आजम को मिली हुई वाई श्रेणी की सुरक्षा को सरकार ने हटा लिया है, जिसके बाद से आजम की सुरक्षा में लगे पुलिसवालों को वापस बुला लिया गया। यूपी पुलिस सुरक्षा विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि आजम खान के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं पाया गया है।

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VVIP नेता की सिक्योरिटी में कुल 11 जवान होते हैं तैनात
बता दें कि वीवीआई को सुरक्षा दिए जाने के संबंध में पिछले साल 8 नवंबर 2022 को एक बैठक हुई थी। इसमें आजम खान की सुरक्षा को लेकर भी फैसला हुआ। रिपोर्ट के आधार पर सचिव गृह की तरफ से रामपुर के एसपी (प्रशिक्षण एवं सुरक्षा) वैभव कृष्ण को निर्देशित किया गया। वाई श्रेणी की सुरक्षा के तहत वीवीआईपी नेता की सिक्योरिटी में कुल 11 जवान तैनात होते हैं। इसमें दो कमांडो और दो पीएसओ भी होते हैं। गौरतलब है कि सपा नेता आजम खान जेल में रहने और खराब स्वास्थ्य के बाद अब काम पर वापस लौट रहे हैं। वह 2024 के चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं से मिल रहे है। खान अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ आम की दावत के लिए मलिहाबाद गए थे। मलिहाबाद रवाना होने से पहले आजम ने लखनऊ पार्टी कार्यालय में अखिलेश के साथ दो घंटे से अधिक समय बिताया। दोनों नेताओं में राजनीतिक मुद्दों, खासकर विपक्षी गठबंधन और लोकसभा चुनाव की रणनीति से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। आजम नियमित रूप से रामपुर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं और 2024 के चुनावों के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं।

आजम खान फरवरी 2020 से पार्टी की राजनीति से दूर थे, जब उनके बेटे द्वारा दायर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के लिए उन्हें, पत्नी और बेटे को एक साथ जेल भेज दिया गया था। इसके बाद सपा नेता आजम खान को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा और फिर एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें राज्य विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पार्टी कार्यक्रमों में आजम की सक्रिय भागीदारी की वापसी को मुसलमानों को यह संदेश देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी ने आजम खान को नहीं छोड़ा है। इसके अलावा आजम की वापसी से पार्टी का पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक का फॉर्मूला भी पूरा हो गया है।

 

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