बरेली। सपा के मुस्लिम नेता ने अपनी ही पार्टी से बगावत कर दी। मंच पर जगह न मिलने पर मोर्चा खोल दिया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभा के सामने ही धरने पर बैठ गया। पार्टी के कई नेताओं पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए। इनको जिसने भी सुना सुनकर दंग रह गया। फेसबुक से लेकर तमाम सोशल मीडिया पर सपा के इस मुस्लिम नेता के बयान वायरल हो रहे हैं।

रविवार को अखिलेश यादव की जनसभा थी। मंच पर सपा के जिला उपाध्यक्ष हैदर अली को जगह नहीं मिली। आरोप है कि उन्हें नीचे उतार दिया गया। जिस पर वह धरने पर बैठ गए। बड़ी मुश्किल से उन्हें मनाया गया। जनसभा खत्म होने के बाद सपा जिला उपाध्यक्ष हैदर अली ने एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर चापलूसों का बोलबाला है। सपा में मुसलमानो का खुलकर अपमान हो रहा है। पार्टी को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले आजम खान की तस्वीर को भी होर्डिंग और बैक ड्रॉप में कहीं जगह नहीं दी गई। इसके स्थान पर कई निम्न स्तर के लोगों की तस्वीर लगी हुई थी।

सपा जिला उपाध्यक्ष हैदर अली यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मंच पर 40 से अधिक नेता बैठे थे। इनमें मुसलमान सिर्फ चार थे। हैदर का कहना है कि 40 नेताओं में कई ऐसे थे। इनका स्तर कुछ भी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में महिलाओं का अपमान होता है। चेयरमैन चुनाव में भी टिकटों को बेचा गया। इसके प्रमाण उनके पास हैं। यहां तक की मंच पर बैठने के लिए कुर्सियां भी बेची गईं। हैदर अली ने एक बयान से सबको चौंका दिया उन्होंने कहा कि सपा में ऊंचा पद पाने के लिए अपने घर परिवार की महिलाओं का भी नेता इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बरेली के नेता का नाम लिए बगैर कहा कि उनकी पत्नी और सपा के वरिष्ठ नेता के संबंध है। इसी मुआवजे में उन्हें प्रदेश स्तरीय पद दिया गया है।

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