उत्तर प्रदेश की भाजपा कैबिनेट के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी की मिलावट और पूर्व अखिलेश यादव द्वारा मठाधीशों को लेकर दिए तथाकथित विवादित बयान पर टिप्पणी की।

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी की मिलावट के विवाद भाजपा नेता ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, “ऐसा करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। जब ये घटनाएं हुईं, उस समय के तत्कालीन लोगों की पहचान करनी होगी। जिस किसी ने भी इस घृणित काम को किया है, उनको सजा मिलनी चाहिए।”
इस मामले पर आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म रक्षण बोर्ड का गठन होना चाहिए। भाजपा नेता ने इसका समर्थन करते हुए कहा, “सनातन तो सनातन है, इसको कोई समाप्त नहीं कर सकता, लेकिन अगर इस पर आक्रमण करने वालों को रोकने के लिए किसी बोर्ड का गठन हो जाए, तो स्वागतयोग्य है।”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि आज मठाधीशों और माफियाओं में कोई अंतर नहीं है। इसके बाद उन्होंने कहा कि हम साधु-संतों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी तो खुद एक मठाधीश हैं।
इस पर योगेंद्र उपाध्याय ने कहा, “मठों ने इस देश को दिशा दी है। मठों ने इस देश को एक सूत्र में पिरोया है। शंकराचार्य ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक और कामाख्या से कटक तक पूरे हिंदुस्तान को एक किया था। अखिलेश यादव को पहले अपना ज्ञान ठीक कर लेना चाहिए। मठ इस देश की एकता, एकात्मता और शांति चेतना के प्रतीक हैं। वहां कोई माफिया नहीं पलते हैं।”
बता दें कि गुरुवार को आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में मिलावट पर बड़ा खुलासा हुआ था। प्रसाद में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि हुई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ।

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