लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा दांव खेलने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार इस मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता का बिल संसद में पेश कर सकती है। समान नागरिक संहिता कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है।
समान नागरिक संहिता को लेकर सांसदों की राय जानने के लिए संसदीय स्थायी समिति की 3 जुलाई को बैठक बुलाई गई है। इस मुद्दे पर विधि आयोग, कानूनी मामलों के विभाग और विधायी विभाग के प्रतिनिधियों को बुलाया है। 14 जून को विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता पर आम लोगों से सुझाव मांगने के मुद्दे पर इन तीनों विभागों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है।
समान नागरिक संहिता में सभी धर्मों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी। हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियो के लिए अपने-अपने कानून हैं। UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे।