राजस्थान में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में करीब 900 करोड़ के कथित घोटाले का आरोप लगाए जाने के बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद शेखावत ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका 21 मार्च को राजस्थान हाईकोर्ट में रजिस्टर्ड हुई है, जिस पर अब संभवत: सुनवाई की तारीख आज यानी शुक्रवार को तय हो सकती है।

हालांकि याचिका पर सुनवाई कब होगी यह अभी तय नहीं है, लेकिन राजस्थान हाई कोर्ट के सर्वर पर याचिका रजिस्ट्रेशन की जानकारी प्रदर्शित हो गई है। शेखावत के इस कदम को उनके द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दिल्ली में दायर मानहानि के मुकदमे से जोड़ कर देखा जा रहा है। जिसमें गहलोत को समन जारी हो सकता है। इस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

 

उल्लेखनीय है कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में 900 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ था जिसमें हजारों लोगों के जीवन भर की कमाई फंस गई है। मुख्यमंत्री गहलोत स्वयं ही केद्रीय मंत्री शेखावत पर घोटाला का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही कह रहे हैं कि इसके लिए यदि उन्हें जेल भी जाना पड़ा तो वह जाने के लिए तैयार हैं।

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार यह बात कह रहे हैं कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला मामले में एसओजी की जांच में शेखावत अभियुक्त है। यानी एसओजी अगर अगली चार्जशीट फाइल करती है तो उसमें शेखावत का नाम आ सकता है। या फिर उससे पहले उनकी गिरफ्तारी का प्रयास हो सकता है। जिससे बचने के लिए उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.

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