राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने हिन्दू समाज में सामाजिक समरसता लाने के प्रयास को निचले स्तर तक ले जाने और संघ का संदेश घर-घर पहुंचाने के लिए सभी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। मथुरा जिले में परखम गांव स्थित दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में संपन्न हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की औपचारिक बैठक के बाद रविवार को क्षेत्र तथा प्रांत प्रचारकों की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बैठक में क्षेत्र तथा प्रांत स्तर के प्रचारकों को अगले वर्ष के लक्ष्य दिए। आज सोमवार को वह कार्यकारी मंडल के सदस्यों के बीच आर्थिक पक्ष पर विचार प्रकट करेंगे और दस दिवसीय शिविर प्रवास समाप्त कर देर शाम लौट जाएंगे या मंगलवार सुबह जाएंगे।
जानकारी मिली है कि रविवार की बैठक में सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत तथा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की उपस्थिति में कार्यकारी मंडल के पदाधिकारियों ने संगठन के सभी 11 क्षेत्र तथा 46 प्रांत प्रचारकों को संघ के एजेंडे (पंच परिवर्तनों के माध्यम से हिन्दू समाज में सामाजिक समरसता लाने के प्रयास) को निचले स्तर तक ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी और सभी पदाधिकारियों से संघ का संदेश घर-घर पहुंचाने का आह्वान किया गया। पदाधिकारियों को कहा गया कि वे अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में तय हुए मुद्दों के अनुसार कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जीवन शैली, सामाजिक समरसता और नागरिक कर्तव्य के पंच परिवर्तन का संदेश गांव-गांव, नगर-नगर तक पहुंचाएं और लोगों को उनका अनुपालन करने के लिए प्रेरित करें। यह भी कहा गया कि उन्हें (पदाधिकारियों को) शताब्दी वर्ष के लिए तय किए गए संगठनात्मक लक्ष्य भी हासिल करने हैं।
सभी प्रचारकों को इन लक्ष्यों को पूरा करने के गुर भी सिखाए गए कि कैसे उन्हें 100वें स्थापना दिवस (2025 की विजयादशमी) तक इन योजनाओं को पूरी तरह से साकार करके दिखाना है। संघ सूत्रों के अनुसार, संघ के केंद्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक 25 तथा 26 अक्टूबर को संपन्न हुई, जिसमें कुल 386 पदाधिकारियों ने भाग लिया। संघ प्रमुख इस बैठक से एक सप्ताह पूर्व से ही यहां पहुंच गए थे और लगातार अलग-अलग टोलियों के रूप में कार्यकर्ताओं से भेंट कर उनके स्तर पर किए गए कार्यों का वृत्त जानकर उन्हें आगामी लक्ष्यों के लिए मार्गदर्शन किया।