आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के आरोप के तहत एक मुख्य आरोपपत्र के अलावा चौथा पूरक आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया है। ईडी द्वारा अब तक दायर पांचवें आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया को 29वें आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है। इस आरोपपत्र में ईडी ने दावा किया है कि इस घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता मनीष सिसोदिया थे।
राउज एवेन्यू अदालत में दायर आरोपपत्र में ईडी ने कहा है कि आबकारी नीति में बदलाव से लेकर आवंटन तक की जिम्मेदारी मुख्यतौर मनीष सिसोदिया की थी। मनीष सिसोदिया इस घोटाले के प्रत्येक चरण से वाकिफ थे। इतना ही नहीं वह खुद घोटाले को अंजाम देने में शामिल थे। ईडी ने मोबाइल फोनों के इस्तेमाल व उनके नष्ट करने को लेकर दस्तावेजी साक्ष्य पूरक आरोपपत्र के साथ संलग्न किए हैं।
ईडी ने पूरक आरोपपत्र में कहा है कि सिसोदिया ने अन्य आप नेताओं के नाम से खरीदे गए सिम कार्ड और मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था और उन्होंने 14 मोबाइल फोन नष्ट कर दिए थे, जिनमें से दो ईडी द्वारा बरामद कर लिए गए हैं। ईडी ने साथ ही अदालत में यह भी कहा कि उनकी जांच यहीं समाप्त नहीं हुई है। वह लगातार इस घोटाले के अन्य चेहरों को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं। कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। हालांकि ईडी ने अभी किसी और नाम लेने से बहरहाल इनकार किया। ईडी ने साथ ही यह भी कहा कि इस आरोपपत्र के साथ उन्होंने पुख्ता साक्ष्य पेश किए हैं। मुकदमे की सुनवाई के दौरान वह अपने पक्ष को मजबूत तरीके से रखेंगे और इस घोटाले को साबित भी करेंगे। बहरहाल अदालत ने इस आरोपपत्र को विचार के लिए रख लिया है।
आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की ओर से बीमार पत्नी की देखभाल के लिए जमानत के अनुरोध वाली याचिका का गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में सीबीआई ने विरोध किया। सीबीआई ने दावा किया कि सिसोदिया ने पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के तथ्य को छिपाया है। अस्पताल के कागजात के मुताबिक, सिसोदिया की पत्नी की हालत में सुधार है। सिसोदिया के वकील ने दावा किया कि तथ्यों को छिपाया नहीं गया। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने कहा कि हर पति का कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी की देखभाल करे।