केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि कांग्रेस तथा उसके सहयोगियों की अगुवाई वाली पिछली सरकारों की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण देश में बड़ी संख्या में शरणार्थियों को नागरिकता अधिकार नहीं दिए गए। गुजरात में 188 हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाणपत्र देने के बाद अहमदाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लाखों शरणार्थियों को उनके अधिकार तथा न्याय देने के लिए है।
शाह ने मुस्लिमों को भी आश्वासन दिया कि सीएए में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि यह नागरिकता देने के बारे में है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने करोड़ों घुसपैठियों को देश में घुसने की अनुमति दी और उन्हें गैरकानूनी तरीके से नागरिक बनाया। उन्होंने कहा कि उन लोगों ने कानून का पालन करने वाले और नागरिकता के लिए आवेदन देने वालों को यह कहकर नागरिकता नहीं दी कि इसके लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस तथा उसके सहयोगियों की पिछली सरकारों की तुष्टिकरण की नीति के कारण शरण के लिए देश में आए लोगों को उनका अधिकार और न्याय नहीं मिला।’’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में विभाजन के वक्त 27 प्रतिशत हिंदू थे लेकिन आज वे महज नौ फीसदी हैं क्योंकि उन्हें धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया।