18 सितंबर से शुरू होने जा रहे है संसद के विशेष सत्र के लिए इस बार तीन दिनों तक रिहर्सल किया गया और अब संसद भवन की नई और पुरानी दोनों ही इमारत अमृतकाल को लेकर बुलाए गए संसद के विशेष सत्र के लिए पूरी तरह से तैयार है।
सूत्रों के मुताबिक, संसद के विशेष सत्र के लिए पुराने भवन में एक दिन और संसद के नए भवन में दो दिनों तक रिहर्सल किया गया। संसद के पुराने भवन में संसद सत्र को लेकर तमाम व्यवस्थाएं पहले से ही मौजूद हैं।
चूंकि इस बार विशेष सत्र के पहले ही दिन यानी 18 सितंबर को संसद भवन की पुरानी इमारत में ही फोटो सेशन होना है, इसलिए वहां भी खास तैयारी की गई है। जबकि संसद के नए भवन के लिए, यह पहला सत्र होगा इसलिए नई इमारत में संसद सत्र को लेकर तमाम व्यवस्थाओं और सुविधाओं को चेक करने के लिए दो दिनों तक रिहर्सल किया गया।
खासतौर से मंत्रियों एवं सांसदों के बैठने की व्यवस्था, सीट, माइक और डिस्पले सहित तमाम तकनीकी व्यवस्थाओं का ट्रायल कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि सत्र के दौरान नए संसद भवन में किसी को भी किसी तरह की असुविधा या दिक्कत न हो।
दिलचस्प बात यह रही कि रिहर्सल और ट्रायल के दौरान संसद भवन के कर्मचारियों को ही सांसदों की जगह सीट पर बैठाकर बार-बार माइक की टेस्टिंग की गई और डिस्पले को चेक किया गया।
बताया जा रहा है कि 18 से 22 सितंबर के दौरान पांच दिन तक चलने वाले संसद के इस विशेष सत्र के आखिरी तीन दिनों यानी 20, 21 और 22 सितंबर के बीच ही सरकार सदन में विधेयक पेश करेगी।
आपको बता दें कि भाजपा ने 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र को लेकर पहले ही तीन लाइन का व्हिप जारी कर अपने लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को 18 से 22 सितंबर तक, पांचों दिन सदन की कार्यवाही के दौरान सारे दिन पूरे समय सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करने का निर्देश दे दिया है।
वहीं सरकार की तरफ से भी सभी मंत्रियों को सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहने का निर्देश जारी कर दिया गया है।
सांसदों को व्हिप जारी कर पांचों दिन सदन में उपस्थित रहने का निर्देश देने के बाद विशेष सत्र के दौरान सभी मंत्रियों की स्पेशल ड्यूटी लगाने के सरकार के फैसले से फिर एक बार इन कयासों को बल मिलने लगा है कि भले ही सरकार ने सत्र के एजेंडे को सार्वजनिक कर दिया हो, लेकिन सरकार इस सत्र के दौरान कोई बड़ा और महत्वपूर्ण बिल या प्रस्ताव लाना चाहती है।
दरअसल, संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बीच सरकार ने बुधवार को ही विशेष सत्र का एजेंडा साफ कर दिया था। संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान, आजादी के 75 सालों- संविधान सभा से लेकर आज तक की उपलब्धियां पर चर्चा होगी।
इसके साथ ही सरकार की तरफ से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 75 वर्षों की यात्रा पर चर्चा के साथ-साथ चार महत्वपूर्ण विधेयक भी विशेष सत्र के एजेंडे में शामिल हैं।