केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 282 तक पहुंच गई है। इस आपदा के दो दिन बाद तक 282 शवों की पहचान हो चुकी है और लगभग 300 लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, और स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।

भूस्खलन के बाद से राहत और बचाव कार्य लगातार चल रहा है। अब तक 1500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। करीब 8000 लोगों को विभिन्न राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। इस आपदा के कारण 150 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं। मुंडकाई और चलियार इलाकों से अकेले 100 शव बरामद किए गए हैं।

मुंडकाई नदी अभी भी उफान पर है, जिसकी वजह से बचाव कार्य में काफी कठिनाइयाँ आ रही हैं। पानी का स्तर बढ़ने के कारण राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं। मौसम विभाग की डिजास्टर मैनेजमेंट टीम ने भविष्य में और भी भूस्खलन की संभावना जताई है। भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, और ndrf, sdrf की टीमें ड्रोन, स्नीफर डॉग्स, और हेलीकॉप्टर के साथ मिलकर राहत और बचाव अभियान में लगी हुई हैं।

केरल की विजयन सरकार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घोषणा की है कि राज्य के सभी मंत्रियों का एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने बताया है कि अब तक 1592 लोगों को भूस्खलन प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है। राहत शिविरों में 8000 से अधिक लोगों को पहुंचाया गया है और 1167 बचावकर्मी मौके पर मौजूद हैं।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी आज वायनाड का दौरा करेंगे। वे पीड़ितों से मिलेंगे और हादसास्थल का मुआयना करेंगे। पहले, खराब मौसम के कारण उनका दौरा रद्द हो गया था, लेकिन अब वे राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए तैयार हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बताया कि केरल सरकार को भूस्खलन की चेतावनी पहले ही दी जा चुकी थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है। मौसम विभाग ने 29 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया था और इससे पहले कोई चेतावनी नहीं थी।

वायनाड आपदा के बाद पड़ोसी राज्यों ने मदद के लिए कदम बढ़ाए हैं। तमिलनाडु के विपक्षी दल एआईएडीएमके ने वायनाड के पीड़ितों के लिए एक करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने की घोषणा की है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी मृतक कन्नड़ लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात की है।

भारतीय सेना ने राहत सामग्री पहुंचाने के लिए एक बेली ब्रिज बनाया है। यह ब्रिज करीब 85 फीट लंबा है और इसके माध्यम से राहत सामग्री और आवश्यक उपकरण भेजे जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के गवर्नर भी वायनाड पहुंचकर पीड़ितों से मिले और जिला प्रशासन से राहत कार्यों की जानकारी ली। इस गंभीर स्थिति में पूरे देश की नजरें वायनाड पर लगी हुई हैं और सभी राहत एजेंसियाँ और सरकारी अधिकारी मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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