नई दिल्लीः संसद में वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मी हैं जो ‘‘लोकतंत्र के मंदिर” कहलाने वाली देश के सर्वोच्च निकाय के लोकसभा, राज्यसभा और केंद्रीय कक्ष जैसे विभिन्न अंगों को नहीं देख पाए हैं। लोकसभा सचिवालय अब अपने ऐसे ही कर्मचारियों को संसद भवन दिखाने की व्यवस्था करने जा रही है।

सूत्रों ने ‘बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देश पर सचिवालय के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आयोजित चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें यह मुद्दा उठा था। इसमें यह बात सामने आई थी कि सचिवालय में वर्षों से काम करने के बावजूद बड़ी संख्या में कर्मचारियों को संसद भवन को पूरी तरह से देखने का मौका नहीं मिला है।

सूत्रों ने बताया कि लोकसभा महासचिव के समक्ष प्रस्तुति के दौरान भी यह बात सामने आई। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उपयुक्त कदम उठाने को कहा। लोकसभा सचिवालय के लोकतंत्र के लिए संसदीय शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) ने चार मई 2023 को जारी परिपत्र में लोकसभा सचिवालय के कर्मचारियों/अधिकारियों को संसद भवन दिखने की व्यवस्था करने संबंधी निर्देश जारी किया।

सर्कुलर में कहा गया है, ‘‘ लोकसभा सचिवालय के कर्मियों के लिए प्राइड द्वारा नियमित रूप से भोजनावकाश के दौरान संसद भवन (लोकसभा, राज्यसभा और केंद्रीय कक्ष) दिखाने की व्यवस्था की जायेगी।” लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि इस पहल का आयोजन ऐसे कर्मचारियों के लिए किया जा रहा है जिन्हें वर्षों से सचिवालय में काम करने के बावजूद संसद भवन को पूरी तरह से देखने का अवसर नहीं मिला है।

सर्कुलर के अनुसार, सचिवालय के कर्मियों को संसद भवन दिखाने के कार्यक्रम में प्रत्येक बैच में 20-30 कर्मचारी होंगे। सचिवालय ने इच्छुक कर्मचारियों से अपना अनुरोध प्राइड को भेजने को कहा है। गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए चिंतन शिविर का आयोजन 24 और 25 अप्रैल 2023 को संसद परिसर में किया था। उल्लेखनीय है कि जब संसद सत्र नहीं चल रहा होता है तो लोकसभा सचिवालय आम नागरिकों विशेषकर छात्रों को संसद के विभिन्न अंगों के अवलोकन की व्यवस्था करता है। इसके लिए सचिवालय को पूर्व में आवेदन देना पड़ता है।

 

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