इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर वजूखाने का एएसआई से सर्वेक्षण कराने से मना करने के वाराणसी के जिला न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तिथि तय की है। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत कर रही है। बुधवार को जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई, तब अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ और ना ही उनकी तरफ से कोई जवाब दाखिल किया गया।
वाराणसी की अदालत में दायर श्रृंगार गौरी पूजा वाद के वादकारियों में शामिल राखी सिंह द्वारा दाखिल इस पुनरीक्षण याचिका में अनुरोध किया गया है कि न्याय के हित में वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण कराना आवश्यक है। जिससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी। राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने दलील दी है कि संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराना आवश्यक है। वाराणसी के जिला न्यायाधीश वजूखाने के सर्वेक्षण का निर्देश देने के लिए कानून में निहित अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग करने में विफल रहे।
जिला न्यायाधीश ने 21 अक्टूबर 2023 के आदेश में वजूखाने का सर्वेक्षण का निर्देश देने से मना कर दिया था। पुनरीक्षण याचिका में यह दलील भी दी गई है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार, ढांचे को नुकसान न पहुंचाने वाली पद्धति से (शिवलिंग को छोड़कर) वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण संभव है। एएसआई वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पहले ही कर चुका है और इसने वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एएसआई ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई 2023 के आदेश के मुताबिक यह सर्वेक्षण किया था।