कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे। पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने लोकसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब को पत्र भेज कर इस संबंध में कांग्रेस के फैसले के बारे में उन्हें अवगत कराया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के आवास पर ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों की नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को नेता प्रतिपक्ष बनाने के बारे में घोषणा की। विपक्षी दलों की बैठक में लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं को बताया कि सोनिया गांधी ने पार्टी के इस फैसले (Rahul Gandhi) के बारे में सूचित करते हुए लोकसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब को पत्र भेजा है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में संसदीय दल के अन्य पदों को लेकर फैसला बाद में होगा।
खरगे ने दिया यह संदेश
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को यह जिम्मेदारी मिलने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘18वीं लोकसभा में लोकसभा सही मायनों में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी। राहुल गांधी उनकी आवाज बन रहे हैं।’’
उनका कहना था, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मुझे विश्वास है कि एक नेता जिन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक और मणिपुर से महाराष्ट्र तक पूरे देश का दौरा किया है, वह लोगों विशेषकर हाशिए पर रहने वाले और गरीबों की आवाज उठाएंगे। कांग्रेस पार्टी न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के अपने शाश्वत सिद्धांतों को कायम रखते हुए लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।’’
राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले वह लोकसभा में केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के अमेठी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह पांचवीं बार लोकसभा पहुंचे हैं।
उन्होंने मंगलवार को लोकसभा सदस्यता की शपथ ली। शपथ लेने के बाद उन्होंने ‘जय हिंद, जय संविधान’ का नारा भी लगाया।
कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव से एक दिन पहले राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनने का फैसला किया।
कांग्रेस कार्य समिति ने गत आठ जून को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधीbसे आग्रह किया कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालें।
उस समय राहुल गांधी ने कार्य समिति के सदस्यों के विचार सुने थे और कहा था कि वह इस बारे में जल्द फैसला करेंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष इस लोकसभा चुनाव में रायबरेली और वायनाड दोनों सीट से जीते थे, लेकिन उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दिया जहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा चुनाव लड़ेंगी।
राहुल गांधी ने 2004 में भारतीय राजनीति में कदम रखा और अपना पहला चुनाव अमेठी से लड़ा। यह वही सीट थी जिसका प्रतिनिधित्व उनकी मां सोनिया गांधी (1999-2004) और उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी ने 1981-91 के बीच किया था।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi)लगभग तीन लाख मतों के भारी अंतर से जीते। 2009 में वह फिर जीते लेकिन 2014 में उनकी जीत का अंतर कम हो गया और 2019 में स्मृति ईरानी से हार गए।
गांधी (Rahul Gandhi) को 2013 में कांग्रेस का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया और 16 दिसंबर, 2017 को उन्होंने पार्टी की कमान संभाली। लोकसभा चुनावों में हार के बाद उन्होंने मई 2019 में अध्यक्ष पद छोड़ दिया।
इसके बाद से राहुल (Rahul Gandhi)ने देशभर में यात्राएं निकालीं। कन्याकुमारी से कश्मीर तक की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अलावा उन्होंने मणिपुर से मुंबई तक की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ भी की। कांग्रेस नेताओं ने राहुल (Rahul Gandhi) की इन पहलों की पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों को प्रेरित करने के लिए सराहना की।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीती हैं।