किशोरी से दुष्कर्म के मामले में सपा नेता और पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव की जमानत अर्जी सत्र न्यायालय में पेश की गई। पूर्व विधायक की इस अर्जी को एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश नरेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने खारिज कर दिया। कोतवाली नगर में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, 8 साल पहले यानी 29 जनवरी 2016 को एक किशोरी सपा नेता और पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव के जीटी रोड स्थित फार्म हाउस पर काम मांगने गई थी। आरोप है कि पूर्व विधायक ने उसे ऊपर वाले कमरे में जाने को कहा और बाद में कमरे में आकर दुष्कर्म किया। उसे बांधकर कमरे में डाल दिया और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया।
इसके बाद उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह ने भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। और जब वह नीचे उतरकर आई तो प्रमोद यादव, सुबोध यादव व विनोद यादव ने उसकी पिटाई की और कपड़े फाड़ डाले। साथ ही इस धमकी देते हुए कहा कि यह बात किसी से न कहे और जान से मारने की धमकी भी दी। जमानत अर्जी में सपा नेता व पूर्व विधायक के वकील ने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन समाप्त करने के लिए झूठा मुकदमा लिखवाया गया है। पूरी कहानी झूठी है और नाबालिग दर्शाने वाला आधार कार्ड भी फर्जी है। हालांकि अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट, पुलिस रिपोर्ट और तथ्यों, परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जमानत दिए जाने का आधार नहीं पाया। और जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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