कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर सियासत गरमा गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोषणा पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप वाले बयान पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों को पहनावे, खानपान और पर्सनल लॉ की गारंटी का जिक्र किया गया है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग वाली मानसिकता दिखा दी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके घोषणा पत्र की तुलना मुस्लिम लीग से करना देश को बांटने की कोशिश है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, मेरे साथियों सलमान खुर्शीद, मुकुल वासनिक, पवन खेड़ा, गुरदीप सप्पल ने सोमवार को आयोग से मुलाकात कर छह शिकायतें दर्ज कराई हैं। इनमें दो शिकायतें मोदी के खिलाफ हैं। उन्होंंने कहा, चुनाव आयोग को दिखाना चाहिए कि वह स्वतंत्र है। उसे चुनाव में सभी दलों को मुकाबले के लिए समान अवसर प्रदान करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आयोग संवैधानिक स्वायत्तता दिखाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपनी तरफ से हर मंच पर बात रखेंगे। सलमान खुर्शीद ने कहा कि मोदी का भाषण सुनकर हमें कष्ट हुआ। उन्होंने हमारे घोषणा पत्र के बारे में जो कहा, गलत है। गौरतलब है कि मोदी ने पिछले हफ्ते अजमेर और सहारनपुरकी रैलियों में कहा था कि कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र बनाया है, उसमें मुस्लिम लीग की छाप है।

भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि वह कांग्रेस का घोषणा पत्र देखकर हैरान हैं। कांग्रेस ने मुस्लिम लीग वाली मानसिकता दिखा दी है। आखिर कांग्रेस 50 फीसदी से ज्यादा का आरक्षण देने की बात किसके लिए कर रही है? उन्होंने कहा कि इन्होंने अपनी सरकार के दौरान देश के बहुसंख्यक समुदाय के खिलाफ ऐसा कानून बनाया था, जो लोगों को जेल में डालने वाला था। यह कानून संसद में पारित नहीं हो सका था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा इसको लेकर डरी हुई है कि उसे लोकसभा चुनाव में 180 सीटों का आंकड़ा पार करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। ऐसे में आरएसएस को अपने पुराने दोस्त मुस्लिम लीग की याद आने लगी है। खरगे ने एक्स पर लिखा, मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। आज वे ‘कांग्रेस न्याय पत्र’ के खिलाफ मुस्लिम लीग की बात कर रहे हैं।

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