जालंधर। जालंधर लोकसभा उपचुनाव को लेकर आखिरकार आज परिणाम की घड़ी आ गई है। जालंधर का नया सांसद कौन होगा, जिसका फैसला आज आएगा। वहीं बैलेट पेपर की गिनती सुबह 7.30 बजे से शुरू हो चुकी है जबकि EVM 8 बजे खुली है। इस उपचुनाव में 19 उम्मीदवार मैदान में है, जिनके भाग्य का फैसला आज होगा।
Live Update:
- AAP के सुशील कुमार रिंकू 13,996 मतों से आगे
- AAP के सुशील कुमार रिंकू 12,021 मतों से आगे
- फिर बढ़ी आप उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू की लीड- 8732 मतों से आगे चल रहे हैं
- कम हुई रिंकू की लीड- 7065 मतों से कम होते हुए 6817 से पर पहुंच गई है।
- 7065 मतों से सुशील कुमार रिंकू आगे चल रहे है, दूसरे स्थान पर कांग्रेस के उम्मीदवार करमजीत कौर
- 6489 मतों से आगे AAP के सुशील कुमार रिंकू
- 3500 मतों से अकाली दल से आगे भाजपा, जालंधर शहर की EVM खुलने पर भाजपा अकाली दल से आगे निकली है
- नकोदर हलके की गिनती में AAP उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू 5494 वोटों से आगे चल रहे
- आप उम्मीदवार सुशील रिंंकू की लीड करीब 2 हजार से 1961 पर पहुंच गई है। हालांकि रिंकू आगे ही चल रहे है लेकिन अचानक लीड कम होने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
दूसरा Round
AAP की लीड लगातार बरकार है। सुशील रिंकू 2718 वोटों से आगे चल रहे है जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस की करमजीत कौर चौधरी है, तीसरे नंबर अकाली-BSP के सुखी चल रहे है।
पहला Round
शुरूआती रूझान में AAP उम्मीदवार सुशील रिंकू 720 वोटों से आगे चल रहे है चल रहे है। दूसरे नंबर पर अकाली दल-बसपा गठबंधन के डा. सुखविंदर सुक्खी जबकि तीसरे नंबर कांग्रेस की करमजीत कौर चौधरी है। वहीं भाजपा 5वें नंबर पर चल रही है।
कांग्रेस, AAP, अकाली दल और BJP में मुख्य मुकाबला
मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार रिंकू, कांग्रेस की करमजीत कौर चौधरी, भाजपा के इंदर इकबाल सिंह अटवाल और अकाली दल-बसपा गठबंधन के डा. सुखविंदर सुक्खी के बीच है। इस चुनाव में चाहे कोई भी जीते परंतु लोकसभा उपचुनाव नतीजे का पंजाब की राजनीति पर दूरगामी परिणाम पड़ना तय है। सबसे ज्यादा चिंता आम आदमी पार्टी के लिए बनी हुई है क्योंकि पंजाब में पहली बार सरकार बनने के बाद संगरूर उपचुनाव में ‘आप’ को हार का सामना करना पड़ा था और अब सांसद स्व. संतोख सिंह चौधरी के निधन के बाद जालंधर में हो रहे उपचुनाव सरकार के लिए दूसरी अग्नि परीक्षा साबित होने जा रहे हैं।
2024 के लोकसभा चुनावों पर भी पड़ेगा असर
वहीं कांग्रेस के लिए अपने गढ़ की बचाना भी खासी चुनौती भरा साबित हो रहा है। भाजपा भी शहरी वोटरों पर अपना प्रभाव छोड़ इस उपचुनाव में अपनी बड़ी छाप छोड़ने के प्रयासों में जुटी रही है, जबकि भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद अकाली दल ने इस सीट पर बसपा से गठबंधन किया है। अकाली दल को गांवों में भी खासा समर्थन मिलता दिख रहा है। जो भी हो इस उपचुनाव के नतीजे जहां पंजाब की मान सरकार के लिए अहम माने जा रहे हैं वहीं इस उपचुनाव के परिणाम का असर अगले नगर निगम, जिला परिषद सहित स्थानीय चुनाव के अलावा 2024 के लोकसभा चुनावों पर भी पड़ना तय है।