उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां घर से लापता कारोबारी की हत्या की वारदात को 27 जुलाई को अंजाम दिया गया। पुलिस ने घटना के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक कारोबारी के परिजन लापता होने के पहले दिन से ही उसकी तलाश करने के लिए पुलिस थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस उनको भटकाती रही। परिजनों ने पुलिस पर 50 हजार रुपए मांगने का भी आरोप लगाया है। एत्मादपुर थाना क्षेत्र स्थित यमुना के किनारे से पुलिस ने 28 जुलाई को विनोद गुप्ता के शव को बरामद किया गया था। पुलिस ने उसको लावारिस में पोस्टमार्टम भेज दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कारोबारी की हत्या 27 जुलाई की रात को की गई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक की बेटी शैली ने थाने में चीख-चीख कर कहा कि उसके पापा को तलाशने में पुलिस ने कोई गंभीरता नही दिखाई। बेटी का कहना था कि पुलिस सिर्फ रुपए मांगती रही, कुछ भी नहीं किया। रात को ही हम लोगों ने अनिल और उसके साथियों पर शक जताया था। मगर, पुलिस ने हमारी बात को गंभीरता से नहीं लिया। एसआई रेखा रानी को जांच दी गई। उन्होंने पापा को तलाशने के लिए 50 हजार रुपए मांगे।
डीसीपी नगर जोन सुरज राय ने बताया कि कारोबारी विनोद गुप्ता की हत्या के मामले में सभी हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें ऑटो चालक अनिल गुप्ता का विनोद गुप्ता के घर आना जाना था, अनिल ने विनोद से लगभग 3 लाख रुपए उधार लिए थे, जिसमें से 2 लाख रुपए रह गए थे, विनोद अनिल से तगादा कर रहा था, इससे छुटकारा पाने के लिए अनिल ने अपने दोस्त विशाल, संदीप और रोहित के साथ मिलकर हत्या का प्लान बनाया था।