भारत और फ्रांस ने अपनी रणनीतिक साझीदारी की 25वीं वषर्गांठ पर अपने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को अभूतपूर्व ऊंचाई देते हुए लड़ाकू विमानों के इंजन, स्कॉर्पीन पनडुब्बी एवं भारी मालवाहक हेलीकॉप्टर के इंजन के विकास एवं सह-उत्पादन के करार करने के साथ ही एक दीर्घकालिक रक्षा औद्योगिक सहयोग का रोडमैप बनाने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फ्रांस की ऐतिहासिक यात्रा के संपन्न होने पर दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझीदारी को अगले 25 वर्षो तक विस्तार देने के रोडमैप ‘क्षितिज 2047: भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वषर्गांठ, भारत-फ्रांस संबंधों की एक सदी की ओर’ में यह घोषणा की गई।

इस संयुक्त दस्तावेज में कहा गया है कि भारत-फ्रांस साझीदारी की 25वीं वषर्गांठ के मौके पर दोनों देश 2047 तक द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करने के लिए एक रोडमैप अपनाने पर सहमत हुए, जो भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शताब्दी और रणनीतिक साझीदारी की स्वर्ण जयंती वर्ष का जश्न मनाएगा।

दस्तावेज में कहा गया कि भविष्य में भारत और फ्रांस लड़ाकू विमान इंजन को संयुक्त रूप से विकसित करके उन्नत वैमानिक प्रौद्योगिकियों में अपने रक्षा सहयोग का अभूतपूर्व विस्तार करेंगे। दोनों पक्ष भारतीय मल्टीरोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) कार्यक्रम के तहत भारी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों में मोटर लगाने के लिए सफ्रान हेलीकॉप्टर इंजन, फ्रांस के साथ औद्योगिक सहयोग के पक्षधर हैं। आईएमआरएच कार्यक्रम में इंजन विकास के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और सफ्रान हेलीकॉप्टर इंजन, फ्रांस के बीच साझीदारी का एक समझौता संपन्न हुआ है।

दस्तावेज के मुताबिक भारत और फ्रांस ने पहले स्कॉर्पीन पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम (पी75-कलवरी) की सफलता की सराहना की और उसे मेक इन इंडिया का एक उत्कृष्ट मॉडल और दोनों देशों की कंपनियों के बीच नौसैनिक विशेषज्ञता साझा करने की सहमति का उदाहरण बताया। दस्तावेज में कहा कि भारत और फ्रांस भारतीय पनडुब्बी बेड़े और उसकी क्षमता को अधिक विकसित करने के लिए और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर काम करने के लिए तैयार हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा औद्योगिक सहयोग में वृद्धि को देखते हुए भारत ने पेरिस में अपने दूतावास में डीआरडीओ का एक तकनीकी कार्यालय स्थापित करने का फैसला किया है।

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