खरगापुर स्थित तहसील सदर के परिसर में भूकंप आने के बाद किस प्रकार से आपदा के समय काम किया जायेगा, उस स्थिति से निपटने के लिए अभ्यास किया गया। मॉक अभ्यास में भूकंप के आने के दौरान इमारतों के गिरने के कारण उसमें फंसे लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाना एवं प्राथमिक उपचार के उपरान्त निकटतम चिकित्सालय में एम्बुलेन्स के माध्यम से भेजना आदि सम्मिलित रहा।
मॉक अभ्यास के दौरान भूकंप से सदर तहसील लखनऊ की बिल्डिंग के गिर जाने का दृश्य रखा गया जिसमें तहसील कर्मचारी एवं अधिकारी तथा आमजनमानस के फंसे और घायल अवस्था में होने की सूचना इमरजेन्सी ऑपरेशन सेन्टर, कन्ट्रोल रूम, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण को जिला आपदा विशेषज्ञ, लखनऊ द्वारा दी गयी। उसके बाद में अग्निशम एवं चिकित्सा की टीमें घटना स्थल पर पहुंचने की सूचना दी गयी। साथ ही सर्च एवं रेस्क्यू के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, अग्निशमन एवं नागरिक सरक्षा की टीमों के द्वारा भवन के अन्दर फंसे लोगों को निकालने के लिए दीवार एवं छत को काटा गया। इसी दौरान कछ व्यक्ति एवं एक बच्चा बिल्डिंग की ऊपर वाली मंजिल पर फंस गए जिनको एनडीआरएफ ने रोप रेस्क्यू के माध्यम से सरक्षित नीचे उतारा।
एनडीआरएफ एवं जिला प्रशासन, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने मॉक अभ्यास में अपर जिलाधिकारी ने नामित इंसीडेंट कमाण्डर एसडीएम, सदर अंकित शुक्ला एवं जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण में तैनात अमर सिंह, जिला आपदा विशेषज्ञ को इंसीडेंट एरिया मैनेजर नामित करते हुए दायित्व प्रदान किये गये।
अनिल कुमार पाल, उप कमांडेंट ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा में घायल व चोटिल व्यक्तियों के जीवन की रक्षा करना और सभी रेस्पोंस एजेंसियों का सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना है।