मुजफ्फरनगर के रोनी हर्जीपुर में पिछले दिनों महाराणा प्रताप के सेनापति ठाकुर धीर सिंह पुंडीर की प्रतिमा स्थापित कराने को लेकर पैदा हुए तनाव के मामले में प्रशासन ने लेखपाल को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। बिना अनुमति सरकारी भूमि पर प्रतिमा स्थापना से पैदा हुई स्थिति पर लापरवाही बरतने के मामले में लेखपाल पर गाज गिरी है। 5000 हजार रिश्वत लेने के मामले में भी जांच के बाद धोलड़ा के चकबंदी लेखपाल मांगेराम को भी निलंबित किया गया है।
मुजफ्फरनगर के चरथावल विकास खंड के राजपूत बाहुल्य गांव रोनी हरजीपुर में बिना अनुमति सरकारी स्कूल की भूमि पर महाराणा प्रताप के सेनापति रहे धीर सिंह पुंडीर की प्रतिमा गत शुक्रवार को लगा दी गई। अधिकारियों ने मूर्ति हटवाने का प्रयास किया तो हंगामा खड़ा हो गया। रोनी हरजीपुर के ग्रामीणों के साथ ही आसपास के गांवों मंगनपुर, नसीरपुर, बिरालसी, दूधली, बलवाखेड़ी से सैंकड़ों की संख्या में राजपूत समाज के लोग एकत्र हो गये और पुलिस के सामने डट गये। मामला बिगड़ने पर एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह, एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव, एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत फोर्स के साथ पहुंचे।
इस प्रकरण को सांत करने के बाद अब जिला प्रशासन ऐसे प्रकरण की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त है। इसमें सबसे पहले लेखपाल मनीष कुमार पर कार्रवाई हुई है। एसडीएम सदर परमानंद झा ने रोनी हर्जीपुर के हल्का लेखपाल मनीष कुमार को गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही एसडीएम सदर ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी सुनिश्चित करते हुए नायब तहसीलदार हरेन्द्र पाल सिंह को जांच सौंपते हुए आरोप पत्र देने का निर्देश दिया है। एसडीएम सदर ने बताया कि डीएम के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। इसमें डीएम ने उच्च स्तरीय जांच समिति भी बनाई है।