रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन हादसे की असल वजह की पहचान कर ली गई है और हादसे से प्रभावित हुई पटरियों की सामान्य सेवाओं के लिए बुधवार तक मरम्मत किए जाने की उम्मीद है। दुर्घटनास्थल पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हादसे की वजह रेलवे सिग्नल के लिए अहम ‘प्वाइंट मशीन’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली से संबंधित है। वैष्णव ने कहा कि ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ में किए गए बदलाव की पहचान कर ली गई है जिसके कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने इस घटना का ‘कवच’ प्रणाली से कोई संबंध होने से इनकार किया। रेलवे अपने नेटवर्क में ‘कवच’ प्रणाली उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है, ताकि रेलगाड़ियों के आपस में टकराने से होने वाले हादसों को रोका जा सके।
वैष्णव ने कहा, ‘‘हमने सभी संसाधनों को काम पर लगाया है। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि कवच प्रणाली का इस दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली में बदलाव की वजह से हुआ। ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) की टिप्पणी सही नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘प्वाइंट मशीन की सेटिंग में बदलाव किया गया है। कैसे और क्यों यह किया गया, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में किया जाएगा।”
इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन त्वरित संचालन और ‘प्वाइंट स्विच’ को लॉक करने के लिए रेलवे सिग्नल का महत्वपूर्ण उपकरण है तथा वह रेलगाड़ियों के सुरक्षित परिचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन मशीनों के काम न करने के कारण ट्रेन संचालन पर गंभीर असर पड़ता है और इन्हें लगाने के वक्त विसंगतियों से असुरक्षित स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नल ‘‘दिया गया था और ट्रेन संख्या 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) को अप मेन लाइन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन ट्रेन अप लूप लाइन में प्रवेश कर गई और लूपलाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई तथा पटरी से उतर गई। इस बीच, ट्रेन संख्या 12864 (बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस) डाउन मेन लाइन से गुजरी और उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए तथा पलट गए।”
बता दें कि बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। इस दुर्घटना में कम से कम 288 लोगों की मौत हुई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।