आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित फिल्म 12th Fail इन दिनों सुर्खियों में है। 12th फेल सिनेमाघरों के बाद अब ओटीटी पर भी शानदार प्रदर्शन कर रही है। फिल्म के रियल लाइफ किरदार के बारे में जानने को लोग बहुत उत्सुक हैं।
फिल्म में मनोज शर्मा का किरदार विक्रांत मैसी निभा रहे हैं। वहीं IRS और मनोज शर्मा की पत्नी का किरदार एक्ट्रेस मेधा शंकर ने निभाया है। जो उस वक्त मनोज शर्मा की प्रेमिका थीं। फिल्म में मनोज के दोस्त बने प्रीतम पांडे और मुखर्जी नगर में मनोज को गाइड करने वाले गौरी भैया (Gauri bhaiya) का भी किरदार दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है।
‘गौरी भैया’ के किरदार फिल्म में अंशुमान पुष्कर ने निभाया है। ओटीटी स्टार अंशुमान पुष्कर हमेशा की तरह इस फिल्म में भी दर्शकों को प्रभावित करने में सफल रहे हैं।
फिल्म 12th Fail में दिखाया गया है कि गौरी भैया खुद एक छोटे से शहर से संबंध रखने वाले शख्स हैं, जो दिल्ली के मुखर्जी नगर में यूपीएससी की तैयारी करने आए थे। उन्होंने UPSC की 6 बार परीक्षा दी, आखिरी अटेम्प्ट में वे इंटरव्यू तक भी पहुंचे थे लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया। सेलेक्ट ना होने के बाद गौरी भैया ने मुखर्जी नगर में ‘रिस्टार्ट’ नाम से चाय की दुकान खोल लेते हैं और वहां UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों को गाइड करते हैं।
मनोज के दिल्ली आने के बाद गौरी भैया से उसकी मुलाकात होती है। गौरी भैया, मनोज को काम दिलाने, पढ़ाई में हेल्प करने से लेकर आर्थिक तौर पर मदद करते हैं। कुल मिलाकर मनोज के आईपीएस बनने के सफर में गौरी भैया की अहम भूमिका रही है।
अब बात करते हैं कि आखिर रियल लाइफ में IPS मनोज शर्मा के ‘गौरी भैया’ कौन हैं? बता दें कि ‘गौरी भैया’ नाम रियल कैरेक्टर का नहीं है। ‘गौरी भैया’ नाम फिल्म में काल्पनिक रखा गया है। मनोज के वास्तविक दोस्त की पहचान छिपाने के लिए ऐसा किया गया है।
रिपोर्ट की माने तो 12th फेल के ‘गौरी भैया’ आज भी मुखर्जी नगर में चाय की दुकान चलाते हैं और जरूरत मंद छात्रों की मदद करते हैं। लेकिन वो अपनी वास्तविक पहचान नहीं बताने चाहते हैं।
द प्रिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मुखर्जी नगर में 29 वर्षीय गोपाल झा हैं, जिन्हें वहां हर कोई ‘झा’ नाम से जानता है। वह यूपीएससी के ‘अनुभवी’ व्यक्ति हैं और छह बार की कोशिश के बाद भी उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है। इसलिए उन्होंने नए उम्मीदवारों को गाइड करने का फैसला किया और वह एक गुरु और ‘बड़े भाई’ बन गए हैं। झा की तरह ही यूपीएससी की तैयारी करने वाले मुखर्जी नगर में एक संदीप ‘भैया’ भी हैं।
फिल्मों और वेब सीरीज ने भैया संस्कृति को मुख्यधारा में ला दिया है। लेकिन सालों से ये यूपीएससी कोचिंग इकोसिस्टम का हिस्सा रहा है। भैया लगभग हमेशा युवा होते हैं, जो यह नहीं जानते कि यूपीएससी की तैयारी के चक्र से कैसे अलग हुआ जाए।
भैया जैसे लोग कोचिंग कक्षाओं पर लाखों रुपये खर्च किए हैं, हर मिनट दुनिया की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक के लिए पढ़ाई की लेकिन अंत में वो सफल नहीं हो पाते हैं, तो उन्हें समझ में नहीं आता कि अब आगे क्या किया जाए। इसी में से कई लोग इसे लगभग पूरा कर लेने का सम्मान करते हैं और सिविल सेवाओं में प्रवेश की उम्मीद करने वाले उम्मीदवारों का मार्गदर्शन करने लगते हैं। हर नए बैच के साथ वो अपने अनुभव शेयर करते हैं।