भाजपा विधायक और राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दाखिल कर अनुरोध किया है कि अगर कांग्रेस नेता गुजरात उच्च न्यायालय के हालिया फैसले को चुनौती देते हैं तो उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए। हाईकोर्ट ने 2019 के इस मामले में कांग्रेस नेता की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

पूर्णेश मोदी ने 7 जुलाई को गुजरात उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की गांधी की याचिका खारिज करने के तुरंत बाद अपने वकील पी.एस. सुधीर के माध्यम से उसी दिन सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर दिया था।

कैविएट एक वादी द्वारा अपीलीय अदालत को प्रस्तुत नोटिस होता है जिसमें निचली अदालत के फैसले के खिलाफ किसी प्रतिद्वंद्वी की अपील के संबंध में कोई आदेश जारी होने की स्थिति में सुनवाई का अनुरोध किया जाता है।

गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि और दो साल की कैद को निलंबित करने की कांग्रेस नेता की याचिका खारिज कर दी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी संसदीय सदस्यता चली गई।

न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने गुजरात सत्र न्‍यायालय के फैसले को बरकरार रखा था, जिसने 23 मार्च को मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसमें कांग्रेस नेता को दोषी पाया गया था और भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक मानहानि के लिए उच्चतम जुर्माना लगाया गया था।

निर्णय की घोषणा करते समय न्यायाधीश ने कहा कि गांधी के खिलाफ कम से कम आठ अन्य आपराधिक मामले लंबित हैं।

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