हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ने संबंधी राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मांग की जा रही है कि वह अपनी अमर्यादित टिप्पणी के लिए माफी मांगें लेकिन राहुल गांधी कह रहे हैं कि उन्होंने सभी हिंदुओं के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह भाजपा के बारे में बोल रहे थे और न तो सत्तारुढ़ पार्टी, न ही आरएसएस और न ही मोदी पूरे हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी और उसके तमाम नेताओं की ओर से भी राहुल गांधी के बयान को लेकर तमाम स्पष्टीकरण दिये जा रहे हैं लेकिन भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी सदन में हिंदुओं से माफी मांगें।

दूसरी ओर, राहुल गांधी के बयान को लेकर जारी सियासी बवाल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद का बयान भी आ गया है। कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील अंबेकर ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण पदों पर आसीन लोगों द्वारा हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा कि चाहे यह स्वामी विवेकानंद का हिंदुत्व हो या महात्मा गांधी का, यह सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है।

उधर, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी राहुल गांधी की टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि अगर कांग्रेस नेता सोचते हैं कि उनकी पार्टी हिंदुओं को ‘अपमानित’ करके वोट प्राप्त करेगी, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि लोकसभा की जीती गई सीट के मामले में वह अब भी भाजपा से काफी पीछे है। आलोक कुमार ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘उन्हें (गांधी को) याद रखना चाहिए कि कांग्रेस को (हालिया लोकसभा चुनाव में) 542 में से सिर्फ 99 सीट पर जीत मिली और वह अब भी अपने प्रतिद्वंद्वी से काफी पीछे है।”

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