लखनऊ। रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी देने के मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ गई है। इस मामले में हजरतगंज पुलिस ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस की चार्जशीट में मौर्य दोषी सिद्ध हुए हैं। स्वामी प्रसाद पर धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर जनवरी में केस दर्ज कराया गया था। जिसके के बाद कई नेताओं ने उनके बयान की कड़ी निंदा की थी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए इससे विवादित अंश बाहर करने या इसे बैन करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। स्वामी प्रसाद ने लंपट, दुराचारी, अनपढ़ गंवार ब्राह्मण को भी पूजनीय बताने और शूद्र के ज्ञानी, विद्वान होने पर भी उसका सम्मान करने वाले अंश का जिक्र करते हुए सवाल किया था कि क्या यही धर्म है?
शिकायतकर्ता का आरोप था कि 22 जनवरी को वह एक टीवी न्यूज चैनल पर डिबेट सुन रहे थे। इस दौरान सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। जिससे हिंदू समाज आहत महसूस कर रहा है। उनका यह बयान जाति विभाजित करने और समाज में घृणा फैलाने वाला है। जानकारी के मुताबिक, जिन धाराओं में मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, उसमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान था, इसलिए उस दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के केस की जांच कर रहे हजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्रा ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में उन्हें दोषी करार दिया है।