उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर के मुख्य शिखर और एक अन्य शिखर के निर्माण का काम तेजी से जारी है और इस साल दिसंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने जानकारी दी है कि राम मंदिर के दोनों शिखर 300 दिन में तैयार हो जाएंगे, मंदिर का मुख्य शिखर 161 फुट ऊंचा बनाया जा रहा है, इस पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर में कुल पांच शिखर होंगे, इनमें से तीन इसी साल 22 जनवरी को हुए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले तैयार किए जा चुके थे। मानसून आने से पहले ‘परकोटा’ भी तैयार हो जाएगा, यात्रियों को बारिश और धूप से बचाने के लिए परकोटा बनाने का काम भी तेजी से जारी है। राम मंदिर ट्रस्ट ने बताया कि हाल ही में मंदिर निर्माण समिति की बैठक हुई जिसमें इस साल के अंत तक राम जन्मभूमि परिसर में सभी निर्माण कार्य पूरे करने का निर्णय लिया गया है। राम मंदिर के शिखर के परकोटे के किनारे छह देवी-देवताओं के मंदिर बनाए जाएंगे और राम जन्मभूमि परिसर में सात ऋषियों के मंदिर भी बनाए जाएंगे, ये भी साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएंगे। अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी एलएंडटी बड़ी संख्या में मजदूरों को काम पर लगाने जा रही है, फिलहाल 1500 मजदूर काम कर रहे हैं जो राजस्थान, गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश से हैं, जल्द ही 3500 से अधिक अतिरिक्त श्रमिकों को काम पर लगाया जाएगा। राम जन्मभूमि में महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य के साथ-साथ निषादराज, अहिल्या सहित प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में वर्णित हिंदू संतों के मंदिर भी बनाए जाने हैं।
अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर का गर्भगृह भूतल पर है, श्रीराम का दरबार प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा, इससे रामलला के दर्शन करने के बाद भक्त सीढ़ियां चढ़कर राम के दरबार के दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा राम जन्मभूमि के पश्चिमी छोर टेढ़ी बाजार से अशर्फी भवन और विभीषण कुंड होते हुए डाकघर तक की सड़क को 15 मीटर चौड़ा किया जाएगा। अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया कि सड़कों की नापजोख की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इस सड़क को चौड़ा किया जा रहा है। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद अब तक 75 लाख श्रद्धालु अयोध्या के मंदिर में श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।