जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सरकारी कर्मचारी मोहम्मद रज्जाक की हत्या मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बीते दिन मंगलवार को दावा किया कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक आंतकी का हाथ है।

पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा का “अबू हमजा” छद्म नाम वाला एक विदेशी आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सरकारी कर्मचारी की हत्या में शामिल था। पुलिस ने उसके बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की।

थानामंडी क्षेत्र के कुंडा टॉप गांव में सोमवार को मोहम्मद रज्जाक (40) की हत्या कर दी गई थी। रज्जाक सरकार के समाज कल्याण विभाग में काम करते थे जबकि उनके भाई मोहम्मद ताहिर चौधरी प्रादेशिक सेना में एक सैनिक हैं।

रज्जाक को मंगलवार को गांव में दफना दिया गया।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया, “लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े दो आतंकवादी गांव में प्रादेशिक सेना के एक अधिकारी के परिसर में घुस गए।” उन्होंने बताया कि हालांकि चौधरी हमले में बाल-बाल बच गए।

अधिकारी ने बताया कि थानामंडी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

प्रवक्ता ने कहा, “आतंकवादी कृत्य में शामिल प्रत्येक व्यक्ति का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। विश्वसनीय साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। हमलावरों में से एक की पहचान अबू हमजा छद्म नाम वाले “विदेशी आतंकवादी” के रूप में हुई है।”

इस बीच, ग्रामीणों ने जनाजे की नमाज के दौरान की स्थिति पर चर्चा करते हुए क्षेत्र के कोपरा में सैन्य चौकी बहाल करने की मांग की, जो 2010 तक वहां स्थापित थी, लेकिन बाद में हटा दी गई थी।

वहीं, जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने हत्याकांड के बाद मंगलवार को राजौरी जिले में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।

उन्होंने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए क्षेत्र में निगरानी बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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