भारत स्वच्छता अभियान को लेकर रांची यूनिवर्सिटी के आर्यभट्ट हॉल में लगी सीएम हेमंत सोरेन की तस्वीरें हटाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे।

राज्यपाल के पहुंचने के पहले कार्यक्रम स्थल का जायजा लेने आए राजभवन के अधिकारियों ने वहां पहले से लगी हेमंत सोरेन की तस्वीरें हटवा दीं। इस कार्यक्रम में सीएम को भी भाग लेना था, लेकिन वे नहीं पहुंचे।

यह कार्यक्रम बीते एक अक्टूबर को आयोजित हुआ था। आर्यभट्ट हॉल में मंच के पास सीएम की दो तस्वीरें पहले से लगी थीं।

आरोप है कि राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर जब पीएम की तस्वीर नहीं है तो सीएम की तस्वीर कैसे लगेगी। इसके बाद तस्वीरें हटा दी गईं।

कार्यक्रम के दौरान मंच पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल की तस्वीरें लगी थीं। कार्यक्रम खत्म होने के बाद सीएम की तस्वीरें फिर से वापस लगा दी गईं।

हालांकि राजभवन के अफसरों का कहना है कि उन्होंने सीएम की तस्वीर हटाने को नहीं कहा था। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सीएम की तस्वीरें हटाने की घटना को ओछी हरकत बताते हुए राजभवन और रांची यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को निशाने पर लिया है।

पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि राजभवन से यह उम्मीद की जाती है कि वह पॉलिटिकल टूलकिट के रूप में इस्तेमाल नहीं होगा, लेकिन झारखंड सहित कई राज्यों में राजभवन से स्वार्थ की राजनीति हो रही है। राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख होते हैं। अगर उन्हें ही सीएम के चेहरे से परेशानी हो तो यह अजीब स्थिति है।

झामुमो के एक अन्य महासचिव और राज्य समन्वय समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने इस घटना को राज्य के समस्त आदिवासी समुदाय का अपमान बताया है। राजभवन किसी खास पार्टी के एजेंडे पर काम करे तो पार्टी चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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